नई दिल्ली। देश में साइबर अपराधियों ने नागरिकों की गाढ़ी कमाई पर करारा वार करते हुए वर्ष 2024 में 22,845.73 करोड़ रुपये की ठगी कर डाली। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में करीब 206 प्रतिशत ज्यादा है। यह जानकारी केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में साझा की।
गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार ने दिए आंकड़े
गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार ने लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में बताया कि यह आंकड़ा राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) और नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली (CFCFRMS) से प्राप्त किया गया है। उन्होंने कहा कि 2023 में जहां साइबर धोखाधड़ी से 7,465.18 करोड़ रुपये की ठगी हुई थी, वहीं 2024 में यह बढ़कर 22,845.73 करोड़ रुपये हो गई।
2024 में 36 लाख से ज्यादा धोखाधड़ी के केस
मंत्री ने बताया कि 2024 में साइबर वित्तीय धोखाधड़ी के कुल 36,37,288 मामले दर्ज किए गए, जो कि 2023 के 24,42,978 मामलों की तुलना में काफी अधिक हैं। यह वृद्धि चिंताजनक है और साइबर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर नए सवाल खड़े करती है।
साल दर साल तेजी से बढ़ रहे साइबर अपराध
सरकार द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार:
- 2022: 10,29,026 मामले (44% वृद्धि)
- 2023: 15,96,493 मामले (15% वृद्धि)
- 2024: 22,68,346 मामले (08% वृद्धि)
सीएफसीएफआरएमएस के माध्यम से की गई बचत
सरकार ने बताया कि CFCFRMS 14C प्रणाली, जो 2021 में शुरू की गई थी, ने अब तक 17.82 लाख शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए 5,489 करोड़ रुपये की राशि बचाने में सफलता पाई है। साथ ही, 9.42 लाख से अधिक सिम कार्ड और 2,63,348 आईएमईआई नंबर को ब्लॉक किया जा चुका है।