महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में सांभाजी ब्रिगेड के प्रदेश प्रमुख प्रवीण गायकवाड़ पर हुए हमले के बाद राज्य की सियासत गरमा गई है। इस हमले को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट) ने सरकार पर हमला बोला है। वहीं भाजपा ने खुद को इससे अलग बताया है और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सदन में सफाई दी है। इस पूरे मामले को लेकर विधानसभा में भी जोरदार बहस हुई, जिसमें विपक्ष ने इसे ‘हत्या का प्रयास’ करार दिया। रविवार को सोलापुर जिले के अक्कलकोट गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में सांभाजी ब्रिगेड के नेता प्रवीण गायकवाड़ पर स्याही फेंकी गई और उन्हें कार से बाहर खींच कर पीटा गया। यह हमला कथित तौर पर स्वामी समर्थ पर उनके बयान को लेकर हुआ। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार ने इसे सुनियोजित हमला बताया और पूछा कि कार्यक्रम में पुलिस बंदोबस्त क्यों नहीं था। कांग्रेस नेता वडेट्टीवार ने विधानसभा में यह मुद्दा उठाया और आरोप लगाया कि हमलावर एक राजनीतिक पार्टी से जुड़े हैं और उनका आपराधिक इतिहास है। जवाब में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि किसी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी भी पार्टी से जुड़ा हो।
घटना के बाद आरोपियों में से एक दीपक काटे की तस्वीरें भाजपा नेता बावनकुले के साथ वायरल हुईं। हालांकि मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने सफाई दी कि भाजपा का इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है। वहीं एनसीपी (शरद पवार गुट) के नेता रोहित पवार और सुप्रिया सुले ने आरोप लगाया कि सरकार विरोधी आवाजों को दबाने की कोशिश हो रही है। सुप्रिया सुले ने कहा कि घटना के बाद उन्होंने प्रवीण गायकवाड़ और सोलापुर के एसपी से बात की। उन्होंने कहा कि इतनी गंभीर घटना के बाद भी कठोर कार्रवाई नहीं हुई, यह चौंकाने वाला है। वहीं रोहित पवार ने दावा किया कि दीपक काटे पहले भी हथियार रखने और अपने ही भाई की हत्या के मामले में जेल जा चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमले के वक्त भी उनके पास हथियार हो सकता था।