प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मैसर्स वन सिग्मा टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (SIMPL) और इसके निदेशक नित्या नंद शर्मा के खिलाफ ₹913 करोड़ के फॉरेन एक्सचेंज उल्लंघन को लेकर फेमा, 1999 की धारा 16(3) के तहत मामला दर्ज किया है।
ईडी के बेंगलुरु क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यह कार्रवाई विश्वसनीय इनपुट के आधार पर प्रारंभ की गई थी।
FDI नीति का उल्लंघन और अनुमोदन के बिना फंडिंग
SIMPL ने संयुक्त राज्य अमेरिका से 648 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्राप्त किया। जांच के अनुसार, कंपनी ने अपने व्यवसाय को सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं के रूप में घोषित किया, लेकिन इसके तहत 264 करोड़ रुपये के परिवर्तनीय नोट (Convertible Notes) भारत सरकार की पूर्व अनुमति के बिना जारी किए, जो कि FDI नीति और फेमा के नियमों का उल्लंघन है।
वित्तीय गतिविधियों में संलिप्तता और मंजूरी की अनदेखी
ईडी की जांच में यह भी पाया गया कि कंपनी का वास्तविक व्यवसाय मॉडल वित्तीय सेवाओं से संबंधित है, जबकि RBI के 20 अक्टूबर 2016 को जारी एपी (DIR सीरीज) सर्कुलर संख्या 8 के अनुसार, अविनियमित वित्तीय गतिविधियों में निवेश केवल 100% अनुमोदन मार्ग के तहत ही संभव है।
साथ ही, भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, किसी भी स्टार्टअप को यदि सरकार की अनुमति के बिना परिवर्तनीय नोट जारी किए गए हैं, तो यह FDI नियमों का सीधा उल्लंघन माना जाता है।
फेमा के तहत कार्रवाई योग्य मामला
SIMPL ने FDI को स्वचालित मार्ग के तहत दिखाकर न सिर्फ फंडिंग हासिल की, बल्कि सरकार से पूर्व अनुमोदन प्राप्त किए बिना परिवर्तनीय नोट जारी किए, जिससे यह फेमा, 1999 की धारा 13 के तहत कार्रवाई के दायरे में आता है।
इस पूरे मामले में ईडी ने फेमा की धारा 16(3) के अंतर्गत एक औपचारिक शिकायत न्यायनिर्णयन प्राधिकरण के समक्ष दायर की है।