बाड़ेछीना के जंगल में शनिवार को आग लग गई। देखते ही देखते जंगल के एक हेक्टेयर से अधिक दायरे को अपनी चपेट में ले लिया। पूरे दिन जंगल सुलगते रहे। चीड़ के बड़े-पेड़ों से आग की लपटें उठती रहीं l इस घटना में लाखों की वन संपदा जलकर खाक हो गई। देर रात पाला गिरने और तापमान कम होने से आग बुझी तो सभी ने राहत की सांस ली।
फायर सीजन शुरू होने से ही पहले जिले में 13 हेक्टेयर जंगल जल गए हैं। अक्तूबर-2023 से अब तक जंगल में आग लगने की 14 से अधिक घटनाएं सामने आई हैं। अब फायर सीजन शुरू होते ही फिर से जंगल धधकने लगे हैं, इससे वन विभाग चिंतित है।
वन विभाग ने रेंजर मोहन राम आर्या के नेतृत्व में बाड़ेछीना के उटिया गांव में ग्रामीणों के साथ गोष्ठी की। आर्या ने ग्रामीणों को वनाग्नि को रोकने के प्रति जागरूक किया। उन्होंने कहा कि जनसहभागिता से ही जंगल को आग से सुरक्षित बचाया जा सकता है। दावानल की घटनाओं को रोकने और आग पर काबू पाने के लिए लोगों को विभाग का साथ देना होगा।