अमेरिका के साथ परमाणु कार्यक्रम को लेकर चल रहे विवाद के बीच ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी है। उन्होंने कतर में एक व्यापारिक सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि ईरान के साथ गतिरोध के समाधान के लिए दो ही कदम उठाये जा सकते हैं। ट्रंप ने कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर जारी गतिरोध को हल करने के लिए या तो समझौता किया जा सकता है या फिर जंग की जा सकती है।
ट्रंप ने कहा कि क्या हम ईरान की समस्या को क्रूर तरीके के बजाय बुद्धिमानी से हल कर सकते हैं। इसके केवल दो ही विकल्प हैं: बुद्धिमानी दिखाते हुए समझौता और क्रूरता दिखाते हुए जंग का एलान। ट्रंप ने यह भी कहा कि कतर के शासक अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर कूटनीतिक समझौते के लिए दबाव डाल रहे थे।
ट्रंप ने कहा कि मैंने कल रात को भी कहा था कि ईरान बहुत भाग्यशाली है। उसके पास अमीर है क्योंकि वह वास्तव में उनके लिए लड़ रहे हैं। वह नहीं चाहते कि हम ईरान पर कोई क्रूर प्रहार करें। उन्होंने हमसे कहा कि आप सौदा कर सकते हैं। मुझे लगता है कि ईरान को अमीर को बहुत-बहुत धन्यवाद कहना चाहिए।
ट्रंप का यह बयान ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची के हालिया बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने ईरान का रुख साफ किया था। अराघची ने साफ किया था कि अगर अमेरिका का मकसद ईरान को उसके परमाणु अधिकारों से वंचित करना है, तो ईरान कभी पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने यह बयान बीते शनिवार को कतर की राजधानी दोहा में दिया था, जहां ईरान और अमेरिका के बीच ओमान में अगले दौर की परमाणु वार्ता होनी थी।
अमेरिका परमाणु समझौते को लेकर लगातार ईरान को धमकी देता रहा है। हालांकि ईरान ने हमेशा कहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण और नागरिक उद्देश्यों के लिए है, न कि हथियार बनाने के लिए। गौरतलब है कि ट्रंप ने अमेरिका को 2015 में हुए परमाणु समझौते से अलग कर लिया था और धमकी दी थी कि अगर नया समझौता नहीं हुआ, तो ईरान पर सैन्य हमला किया जा सकता है।
ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु कार्यक्रम को लेकर विवाद की बात करें तो अमेरिका चाहता है कि ईरान अपने अत्यधिक संवर्धित यूरेनियम का उत्पादन बंद करे, क्योंकि उसे शक है कि इसका इस्तेमाल परमाणु हथियार बनाने में किया जा सकता है। दूसरी ओर ईरान का कहना है कि उसे शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए यूरेनियम संवर्धन का अधिकार है। लेकिन वह मानता है कि उसकी अर्थव्यवस्था पर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को हटाने के लिए वह कुछ समझौते करने को तैयार है।