हिजबुल्ला के सूत्रों ने बताया है कि नसरल्ला के चचेरे भाई हाशेम सफीदीन को संगठन की कमान मिल सकती है। सफीदीन अभी हिजबुल्ला के राजनीतिक मामलों की देखरेख करता है। उसके संभावित उत्तराधिकारी होने की पूरी संभावना है। हालांकि, सफीदीन एक विवादास्पद व्यक्ति है, जिसे 2017 में अमेरिकी विदेश मंत्रालय आतंकवादी घोषित कर चुका है। उधर, अमेरिका ने हवाई हमलों पर चिंता जताई है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन ने लेबनान पर हवाई हमलों को लेकर अपनी चिंताओं को दोहराते हुए कहा कि कूटनीति का रास्ता कठिन लग सकता है लेकिन आगे बढ़ने का यही सबसे अच्छा रास्ता है। उन्होंने कहा, मध्य पूर्व और विश्व अभी एक अनिश्चित क्षण का सामना कर रहे हैं। आने वाले दिनों में सभी पक्ष जो चुनाव करेंगे, उससे यह तय होगा कि यह क्षेत्र किस रास्ते पर जाएगा। इस्राइली सेना ने कहा है कि वह लेबनान से तनाव के चलते अतिरिक्त रिजर्व सैनिक तैनात कर रही है। उसने रिजर्व सैनिकों की तीन बटालियनों को सक्रिय कर दिया है। इससे पूर्व हफ्ते की शुरुआत में 2 बटालियन संभावित जमीनी हमले के लिए भेजी गई थीं।
64 वर्षीय नसरल्ला के नेतृत्व में हिजबुल्ला ने इस्राइल के खिलाफ कई युद्ध लड़े। इसके साथ ही नसरल्ला ने पड़ोसी सीरिया में संघर्ष में भाग लिया, जिससे राष्ट्रपति बशर अल-असद के पक्ष में शक्ति संतुलन बनाने में मदद मिली। कहा जाता है कि नसरल्ला ने हिजबुल्ला को इस्राइल को और कट्टर दुश्मन बना दिया और ईरान में शिया मजहबी नेताओं और हमास जैसे फलस्तीनी समूहों के साथ गठबंधन को मजबूत किया।
नसरल्ला अपने लेबनानी शिया अनुयायियों के बीच काफी मशहूर था। अरब और इस्लामी दुनिया के लाखों लोगों द्वारा सम्मानित नसरल्ला को सैय्यद की उपाधि दी गई। अमेरिका और पश्चिम के अधिकांश देश उसे एक उग्रवादी के रूप में देखते थे। अपनी ताकत के बावजूद नसरल्ला इस्राइली खतरों के डर से ज्यादातर समय छिपकर ही रहा।