राज्य में सगंध खेती को गति देने के उद्देश्य से सरकार ने ‘सगंध पौधा केंद्र’ का दर्जा बढ़ाकर इसे परफ्यूमरी एवं सगंध अनुसंधान संस्थान बनाने का निर्णय लिया है। अब यह कृषि विभाग का स्वायत्त संस्थान होगा।
साल 2002-03 में स्थापित यह केंद्र वर्तमान में 109 सगंध क्लस्टर संचालित करता है, जिनसे 28 हजार किसान जुड़े हैं। टिमरू इत्र, परफ्यूम और ‘महक क्रांति नीति’ के क्रियान्वयन में इसकी अहम भूमिका है। संस्थान का विस्तार होने से रिसर्च और खेती दोनों में तेजी आने की उम्मीद है।





