Wednesday, November 19, 2025

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सऊदी क्राउन प्रिंस के बचाव में ट्रंप ने अपनी ही खुफिया एजेंसी को गलत बताया

वॉशिंगटन: पत्रकार जमाल खशोगी की 2018 में हुई हत्या को लेकर अमेरिकी राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) के बचाव में ऐसा बयान दे दिया है जिसने अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। ट्रंप ने दावा किया कि हत्या में क्राउन प्रिंस की संलिप्तता साबित करने वाले निष्कर्ष “गलत” और “अत्यधिक बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए गए” थे।

दरअसल, ट्रंप हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में संवाददाताओं से बात कर रहे थे, जब एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि क्या वे अब भी खशोगी की हत्या में MBS को निर्दोष मानते हैं। इस सवाल पर पूर्व राष्ट्रपति ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए पत्रकार को फटकार लगाई और कहा कि “इस तरह के आरोप तथ्यों पर नहीं, बल्कि राजनीतिक एजेंडा पर आधारित हैं।” ट्रंप ने आगे कहा कि खुफिया एजेंसियां कई बार “गलती कर सकती हैं” और उस समय भी उनके निष्कर्षों में “पुख्ता सबूतों की कमी थी।”

गौरतलब है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला था कि खशोगी की हत्या बिना क्राउन प्रिंस के आदेश या जानकारी के संभव नहीं थी। यह रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी सुर्खियों में रही थी और दुनिया भर में मानवाधिकार संगठनों ने सऊदी अरब की कड़ी आलोचना की थी। वहीं, ट्रंप प्रशासन ने उस समय भी सऊदी नेतृत्व के साथ अपने रिश्ते निभाने के लिए अपेक्षाकृत नरम रुख अपनाया था।

ट्रंप की ताज़ा टिप्पणी पर अमेरिकी राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। डेमोक्रेट नेताओं ने आरोप लगाया कि ट्रंप लगातार सऊदी शासन का बचाव करते रहे हैं, जबकि खुफिया एजेंसियां और मानवाधिकार संगठनों के निष्कर्ष बिल्कुल स्पष्ट हैं। दूसरी ओर, रिपब्लिकन खेमे में भी कुछ नेताओं ने ट्रंप के बयान को गैर-ज़रूरी और संवेदनशील मुद्दे पर “अनुचित दखल” बताया है।

विश्लेषकों का कहना है कि सऊदी अरब और अमेरिका के बीच रणनीतिक संबंध लंबे समय से कायम हैं, लेकिन खशोगी हत्या ने इन रिश्तों पर गहरी छाया डाली थी। ऐसे में ट्रंप के बयान ने एक बार फिर इस विवाद को गर्म कर दिया है और खुफिया एजेंसियों की विश्वसनीयता पर भी बहस छेड़ दी है।

खशोगी, जो सऊदी शासन के आलोचक थे और द वॉशिंगटन पोस्ट के लिए लेख लिखते थे, की तुर्की के इस्तांबुल स्थित सऊदी दूतावास में हत्या कर दी गई थी। अंतरराष्ट्रीय जांचों में हत्या को सुनियोजित बताया गया था।

ट्रंप के नवीनतम बयान के बाद मामले को लेकर राजनीतिक और कूटनीतिक माहौल फिर तनावपूर्ण होता दिख रहा है।

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