Tuesday, July 1, 2025

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संसद, विधानमंडलों और जनप्रतिनिधियों को ‘हाइटेक’ बनाने की तैयारी, जल्द शुरू होगा एआइ आधारित काम

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि अब लोकसभा में एआइ (आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस) का प्रयोग करते हुए संसद-विधानमंडलों एवं जनप्रतिनिधियों की कार्य दक्षता बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने यह बात महाराष्ट्र विधानसभा में प्राक्कलन समितियों पर दो दिन चले सम्मेलन के दौरान कही। बिरला ने मंगलवार को विधानमंडलों में आधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग का आह्वान करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी के उपयोग से कानून बनाने वाली संस्थाओं के कामकाज में आवश्यक वित्तीय विवेक आएगा।

उन्होंने देशभर के विधानमंडलों की प्राक्कलन समितियों के प्रमुखों और सदस्यों के दो दिवसीय सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में सांसदों एवं विधायकों को आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाएगा। विधानसभा सदस्यों को भी तकनीक के बारे में जानकारी होनी चाहिए।

आगे कहा कि हम संसद और अन्य विधानमंडलों के सदस्यों के लिए प्रशिक्षण आयोजित करने की योजना बना रहे हैं, ताकि वे डेटा विश्लेषण जैसी तकनीकों का उपयोग कर यह सत्यापित कर सकें कि बजटीय आवंटन उचित था या नहीं। उसे उचित तरीके से खर्च किया गया या नहीं।

डीबीटी योजनाओं की सफलता का हवाला देते हुए बिरला ने बताया कि प्रौद्योगिकी के उचित उपयोग से वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता आ सकती है। इसलिए इसका उपयोग समितियों और विधानमंडलों को बेहतर ढंग से काम करने में किया जा सकता है।
बाद में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए बिरला ने यह भी कहा कि संसद में जल्द ही एआइ आधारित तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया जाएगा, जिससे कार्यवाही का त्वरित और सटीक अनुवाद 22 आधिकारिक भाषाओं में सदस्यों तक पहुंच सके।

1854 से लेकर आज की 18वीं लोकसभा तक हुए सारे भाषणों और चर्चाओं को डिजिटल फार्मेट में सुरक्षित कर लिया गया है। जबसे संसद में सीधे प्रसारण की सुविधा शुरू हुई, तब से तो सांसदों-मंत्रियों के वीडियो उपलब्ध हैं। उससे पहले आकाशवाणी और दूरदर्शन के वीडियो-आडियो क्लिप भी इकट्ठा कर सुरक्षित रख लिए गए हैं। इनका उपयोग जनप्रतिनिधि अपनी जानकारी बढ़ाने के लिए कर सकते हैं।

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