संसद में उल्लेखनीय योगदान देने वाले 17 सांसदों और 2 संसदीय स्थायी समितियों को संसद रत्न पुरस्कार 2025 के लिए चुना गया है। ये पुरस्कार संसद में सक्रियता, बहस में भागीदारी, प्रश्न पूछने और विधायी कामकाज में योगदान के आधार पर दिए जाते हैं। यह पुरस्कार प्राइम प्वाइंट फाउंडेशन की तरफ से शुरू किया गया है। इस वर्ष के विजेताओं का चयन जूरी कमेटी ने किया, जिसकी अध्यक्षता हंसराज अहीर, (राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष) ने की। उन्होंने कहा कि ये पुरस्कार उन सांसदों को दिए जाते हैं जिन्होंने लोकतंत्र को मजबूती देने के लिए संसद में उत्कृष्ट योगदान दिया है।
लगातार उत्कृष्ट कार्य के लिए- चार सांसदों को विशेष सम्मान
चार सांसदों को संसदीय लोकतंत्र में उत्कृष्ट और सतत योगदान के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा। प्राइम प्वाइंट फाउंडेशन के अनुसार, ये चारों सांसद 16वीं और 17वीं लोकसभा में भी संसद में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों में शामिल रहे हैं और अपनी मौजूदा कार्यकाल में भी लगातार सक्रिय हैं।
- भर्तृहरि महताब (भाजपा)
- सुप्रिया सुले (एनसीपी-एसपी)
- एन. के. प्रेमचंद्रन (आरएसपी)
- श्रीरंग अप्पा बारणे (शिवसेना)
अन्य संसद रत्न पुरस्कार विजेता सांसद
बाकी 13 सांसदों को भी उनके विशिष्ट संसदीय कार्यों के लिए चुना गया है। इनमें कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हैं। इन सांसदों ने संसद में प्रश्न पूछने, चर्चा में भाग लेने और विधेयकों पर सुझाव देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।