बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना लगातार जांच और मुकदमों का सामना कर रही हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अब शेख हसीना और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक पैनल ने रूपपुर परमाणु संयंत्र में पांच अरब डॉलर के गबन के आरोपों की जांच शुरू की है। आरोप है कि शेख हसीना, उनके बेटे सजीब वॉजेद जॉय और उनकी भतीजी ट्यूलिप सिद्दीक ने परमाणु संयंत्र में गबन किया। रिपोर्ट में कहा गया कि मामले में हसीना के साथ उनके बेटे सजीब वाजेद जॉय और उनकी भतीजी तथा ब्रिटेन की वित्त मंत्री ट्यूलिप सिद्दीक से भी पूछताछ की गई। बताया जाता है कि यह मामला राष्ट्रीय जनतांत्रिक आंदोलन (एनडीएम) के अध्यक्ष बॉबी हज्जाज भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (एसीसी) के सामने लेकर आए थे। हाल ही में इस मामले में उच्च न्यायालय ने आयोग से पूछा था कि रूपपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र परियोजना से हसीना, जॉय और ट्यूलिप ने मलेशियाई बैंक को पांच अरब अमेरिकी डॉलर भेजे थे। इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (एसीसी) की निष्क्रियता को अवैध क्यों न घोषित किया जाए? रूपपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र बांग्लादेश की राजधानी ढाका से 160 किमी दूर रूपपुर में स्य की कंपनी रोसाटॉम बना रही है। इसके निर्माण में कई भारतीय कंपनिया भी शामिल हैं। नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ अभूतपूर्व सरकार विरोधी छात्र नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शन के बाद पांच अगस्त को हसीना ने इस्तीफा दे दिया और भारत चली गईं। हसीना के नेतृत्व वाली सरकार को अंतरिम सरकार द्वारा प्रतिस्थापित किया गया और 84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को इसका मुख्य सलाहकार नामित किया गया। अंतरिम सरकार आने के बाद शेख हसीना और उनके पूर्व कैबिनेट मंत्री, सलाहकार, सेना और नागरिक अधिकारियों के खिलाफ मानवता के विरुद्ध अपराध और नरसंहार के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किए।