महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज को लुटेरा बताना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनका यह बयान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) के नेता जयंत पाटिल की टिप्पणी के एक दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि मराठा सम्राट ने अपने साम्राज्य का विस्तार करने के लिए सूरत से अवैध तरीके से धन की उगाही की थी। फडणवीस ने देश के विद्वानों से अफील की कि वे एकजुट होकर अग्रेजी इतिहासकारों द्वारा शिवाजी महाराज की पेश की जा रही गलत छवि को खारिज करें।
भाजपा नेता ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज को अंग्रेजी इतिहासकारों के नजरिए से देखा जा रहा है। उन्होंने भारतीय विद्वानों से आग्रह किया कि वे 17वीं सदी के इस महान सम्राट की पेश की जा रही उस गलत छवि को सुधारें, जो अंग्रेजी इतिहासकारों द्वारा पेश की गई है। फडणवीस ने कहा कि सही जानकारी और तथ्यों के साथ शिवाजी महाराज की वास्तविक छवि सामने आनी चाहिए। फडणवीस ने मुंबई में पत्रकारों से कहा, मेरा केवल यही कहना है कि हमारे राजा लूटेरे नहीं थे। मैं किसी को भी हमारे राजा को लुटेरा कहने की अनुमति नहीं दूंगा। महाराज कभी भी लुटेरे नहीं थे और उन्होंने कभी भी आम आदमी को परेशान नहीं किया। महा विकास अघाड़ी पर निशाना साधते हुए कहा कि जो नेता अपनी सरकार को जबरन वसूली वाली सरकार मानते हैं, वे ही इस तरह की बातें करते हैं। फडणवीस का इशारा जयंत पाटिल के बयान की तरफ था। पाटिल ने आरोप लगाया था कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने सूरज जबरन वसूली की थी।
उप मुख्यमंत्री फडणवीस ने हाल ही में एक बयान में 1664 के सूरत के युद्ध का जिक्र किया था। यह युद्ध छत्रपति शिवाजी महाराज और मुगल कमांडर इनायत खान के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध में मुगल सेना की हार हुई थी और मराठा सेना विजयी हुई थी। फडणवीस ने यह मुद्दा को ऐसे समय में उठाया था, सिंधुदुर्ग जिले में शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के बाद भाजपा औऱ महा विकास अघाड़ी के बीच जुबानी जंग चल रही थी। ..