पाकिस्तान में आम चुनाव के बाद बागडोर किसके हाथ में होगी, यह विवादित मुद्दा है और इस पर अभी तक कोई स्पष्टता नहीं है। पाकिस्तान में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पीएमएल-एन ने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष शहबाज शरीफ के नाम को आगे बढ़ाया है। यह उन्होंने शानदार ढंग से घोषित किया है। अटकलें थीं कि शहबाज के बड़े भाई नवाज शरीफ को इस पद के लिए उम्मीदवार घोषित किया जाएगा, लेकिन पीएमएल-एन ने अपनी प्राथमिकता के रूप में शहबाज को चुना। यह कदम नवाज के सियासी करियर के अंत के रूप में भी देखा जा रहा है, क्योंकि वह चौथी बार प्रधानमंत्री बनने में नाकाम रहे हैं। नवाज शरीफ तीन बार देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं, जबकि शहबाज शरीफ एक बार पहले देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। अब पीएमएल-एन के कार्यकारी अध्यक्ष शहबाज को दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद है।
पाकिस्तान में आम चुनाव के त्रिशंकु परिणाम सामने आने के बाद, दोनों भाइयों ने गठबंधन सरकार बनाने के लिए अन्य दलों से संपर्क किया है। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक होता है, तो अगले महीने की शुरुआत में छह दलों की गठबंधन सरकार देश की बागडोर संभाल सकती है। पाकिस्तानी मीडिया की खबरों के मुताबिक, सैन्य प्रतिष्ठान ने नवाज के बजाय शहबाज के पलड़े को भारी किया है। यह उनके साथ काम करने में ज्यादा सहज है। नवाज के सियासी करियर के खत्म होने संबंधी अटकलों को बेटी मरियम नवाज ने खारिज किया है। उन्होंने कहा कि नवाज का सियासी करियर अभी भी खत्म नहीं हुआ है और वह केंद्र और पंजाब सरकार की निगरानी करेंगे और अपनी भूमिका निभाएँगे।
शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद पीएमएल-एन में मतभेद सामने आए हैं। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि नवाज शरीफ को गठबंधन सरकार प्रधानमंत्री बनना चाहिए। अखबार की खबर के मुताबिक पीएमएल-एन के सांसद आसिफ किरमानी ने भी अपनी निराशा जाहिर की। उन्होंने कहा कि हम इस बात से बेहद निराश हैं कि नवाज शरीफ प्रधानमंत्री नहीं बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूरे चुनाव अभियान के दौरान लोगों और कार्यकर्ताओं को बताया गया था कि नवाज शरीफ पार्टी के अगले प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे, लेकिन आखिरी समय में बदलाव ने पार्टी कार्यकर्ताओं को निराश किया है।