गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन पर जिला स्तर की कमेटी विचार करेगी। गृह मंत्रालय के अनुसार आवेदन देने पर उसकी पावती अपने आप जेनरेट होगी। जिला स्तरीय कमेटी आवेदन के साथ दिए गए दस्तावेजों का परीक्षण करेगी। आवेदन के साथ निर्धारित प्रारूप में दिए गए शपथपत्र की जांच के बाद जिला स्तरीय कमेटी का निर्धारित अधिकारी उसपर अपने हस्ताक्षर के साथ उसे एम्पावर्ड कमेटी को ऑनलाइन मोड में ही अग्रसारित करेगा। यदि किसी आवेदक को जिला कमेटी के सामने शपथ पत्र देने के लिए बुलाया जाता है और बार-बार बुलावे के बावजूद वह पेश होने में विफल रहता है तो जिला स्तरीय अधिकारी आवेदन रद्द करने की सिफारिश कर सकता है। एम्पावर्ड कमेटी में पांच सदस्य केंद्र सरकार की ओर से जबकि एक राज्य की ओर से होने की बात कही गई है।
सीएए की धारा 6बी के तहत कौन दे सकता है आवेदन
- संबंधित व्यक्ति को भारतीय मूल का होना चाहिए, उसे भारतीय नागरिक से शादी किया होना चाहिए
- आवेदक किसी भारतीय नागरिक की नाबालिग संतान हो
- आवेदक या उसके माता-पिता में कोई एक आजाद भारत के नागरिक हों
- आवेदक ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया कार्डधारक हो
इन दस्तावेजों की होगी जरूरत
नए नियमों के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने वाले को दो विशेष दस्तावेज देने होंगे। इसमें पहला तो आवेदक के चरित्र को प्रमाणित करने वाला हलफनामा और दूसरा संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भारतीय भाषाओं में किसी एक की अच्छी जानकारी होने का घोषणा पत्र।