वोटों की हेराफेरी और मतदाता सूचियों में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया ब्लॉक के करीब 300 सांसद आज संसद से निर्वाचन सदन (चुनाव आयोग) तक मार्च करेंगे। यह मार्च सुबह 11:30 बजे संसद भवन के मकर द्वार से शुरू होकर परिवहन भवन होते हुए निर्वाचन सदन तक पहुंचेगा।
विपक्षी सांसदों का आरोप है कि चुनाव आयोग भाजपा के साथ मिलकर वोट चोरी कर रहा है। उनका कहना है कि बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया से लाखों मतदाताओं के मताधिकार छीने गए हैं। विपक्ष इस प्रक्रिया को तत्काल रद्द करने और सदन में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को ग्वालियर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “राहुल गांधी ने ऐसे तथ्य सामने रखे हैं जिन्हें कोई नकार नहीं सकता। एक ही व्यक्ति का नाम कई जगहों पर दर्ज है। हम मांग करते हैं कि मतदाता सूची का इलेक्ट्रॉनिक डेटा उपलब्ध कराया जाए, ताकि सॉफ्टवेयर से जांच की जा सके कि एक EPIC नंबर पर कितने वोट डाले गए।”
उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में SIR को इस बार केवल एक महीने में पूरा करने की कोशिश हो रही है, जबकि 2003 में इस प्रक्रिया में दो साल लगे थे। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग मृत मतदाताओं की संख्या तो बताता है, लेकिन सूची साझा नहीं करता।
मार्च में भाजपा और एनडीए के सांसदों को छोड़कर सभी विपक्षी दलों के सांसद शामिल होंगे। विपक्ष का कहना है कि यह कदम मतदाता सूची में पारदर्शिता और चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए उठाया जा रहा है।
इनमें भाजपा और एनडीए गठबंधन के सांसदों को छोड़कर सभी दलों के सांसद शामिल होंगे।