भारत को वैश्विक भ्रष्टाचार रोधी मंच ग्लोब नेटवर्क की 15 सदस्यीय संचालन समिति का सदस्य चुना गया है। अधिकारियों ने बताया की चीन की राजधानी बीजिंग में विभिन्न चरणों के मतदान के बाद भारत का चयन हुआ। 121 सदस्य देशों और 219 सदस्य प्राधिकार वाले ग्लोब नेटवर्क में नेतृत्व प्रदान करने के लिए संचालन समिति में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और 13 सदस्य हैं। अधिकारियों ने बताया कि बीजिंग में भ्रष्टाचार निरोधक कानून प्रवर्तन प्राधिकारों के वैश्विक परिचालन नेटवर्क (ग्लोब नेटवर्क) की पांचवीं पूर्ण बैठक के दौरान बहुचरणीय मतदान प्रक्रिया के बाद भारत को संचालन समिति के लिए चुना गया। सीबीआई के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि भारत संचालन समिति के सदस्य के रूप में भ्रष्टाचार और संपत्ति वसूली के खिलाफ वैश्विक एजेंडे को आकार देने में अहम भूमिका निभाएगा। भ्रष्टाचार से निपटने में भारत की विशेषज्ञता और अनुभव ग्लोब नेटवर्क के लिए अहम होगा। प्रवक्ता ने कहा कि यह एक खास मंच बनकर उभरा है, जहां दुनिया भर की एजेंसियां सर्वोत्तम प्रथाओं, आपराधिक खुफिया जानकारी साझा करती हैं, रणनीति विकसित करती हैं और भ्रष्टाचार से निपटने के साझा उद्देश्य में सहयोग करती हैं। बयान में कहा गया कि ग्लोब नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है और भारत की भागीदारी सीमा पार वित्तीय अपराधों और भ्रष्टाचार से निपटने के उसके प्रयासों को मजबूत करेगी। भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान भ्रष्टाचार से निपटने के लिए दो उच्च-स्तरीय सिद्धांतों को अपनाया गया था। इसमें ग्लोब नेटवर्क के लाभ उठाने का विस्तृत विवरण दिया गया था।
ग्लोब नेटवर्क के लिए भारत की ओर से केंद्रीय गृह मंत्रालय केंद्रीय प्राधिकार है, जबकि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इसके सदस्य प्राधिकार हैं। सीमा पार वित्तीय अपराधों और भ्रष्टाचार से निपटने के लिए जी-20 की पहल ग्लोब नेटवर्क को 2020 में भारत से मजबूत समर्थन मिला। इस मंच को आधिकारिक तौर पर जून 2021 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के भ्रष्टाचार के खिलाफ विशेष सत्र (यूएनजीएएसएस) में एक विशेष कार्यक्रम के दौरान शुरू गया था।