Monday, March 31, 2025

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वैश्विक बाजार में बढ़ी भारत की धाक, व्यापार में 6 फीसदी देगा योगदान

भारत वैश्विक व्यापार में मजबूती से अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है। अगले पांच वर्षों में यह और तेजी से बढ़ेगा एवं वैश्विक व्यापार वृद्धि में करीब 6 फीसदी का योगदान देगा। इससे आगे सिर्फ चीन और अमेरिका ही होंगे, जिनका योगदान क्रमश: 12 फीसदी एवं 10 फीसदी होगा। न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस और डीएचएल की संयुक्त रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि अगले पांच वर्षों में भारत वैश्विक व्यापार में अपना तीसरा स्थान कायम रखेगा। साथ ही, मात्रा के लिहाज से भारत की व्यापार वृद्धि की रफ्तार सालाना 5.2 फीसदी से बढ़कर 7.2 फीसदी पहुंच जाएगी। इससे भारत को 15 स्थान का लाभ होगा। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत 2024 में अंतरराष्ट्रीय व्यापार में 13वां सबसे बड़ा भागीदार था। 2019 से 2024 तक भारत का व्यापार सालाना 5.2 फीसदी चक्रवृद्धि दर से बढ़ा, जबकि वैश्विक व्यापार की वृद्धि सिर्फ 2.0 फीसदी रही। यह भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि और वैश्विक व्यापार में इसकी बढ़ती भागीदारी को दर्शाती है।डीएचएल एक्सप्रेस के दक्षिण एशिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष आर एस सुब्रमण्यन ने कहा, व्यापार एटलस वैश्विक कारोबार में भारत के तेजी से विस्तार को रेखांकित करता है। साथ ही, देश को पूर्व और पश्चिम को जोड़ने वाले एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित करता है। हम व्यापार की मात्रा और वैश्विक हिस्सेदारी में वृद्धि की आशा करते हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था में अस्थिरता के बावजूद भारत की स्थिति व्यापार के मोर्चे पर सकारात्मक बनी हुई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन को आमतौर पर भारत की तुलना में अधिक व्यापार-उन्मुख अर्थव्यवस्था के रूप में देखा जाता है। जीडीपी के अनुपात में भारत का वस्तु व्यापार 2023 में चीन के लगभग बराबर था। वस्तु और सेवाओं दोनों के आंकड़े देखें तो पता चलता है कि भारत के व्यापार के बढ़ने की रफ्तार चीन से अधिक थी। -भारत के भविष्य के व्यापार विकास के लिए उच्च उम्मीदें घरेलू विनिर्माण क्षेत्र में निवेश करने के लिए विदेशी कंपनियों की ओर से की गई बड़ी नई प्रतिबद्धताओं से मजबूत हुई हैं।

 

 

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