वैश्विक बाजार में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट का रुझान लगातार तीसरे महीने भी जारी रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तैयार किए गए मूल्य सूचकांक के अनुसार दूध, खाद्य तेल और चीनी जैसी प्रमुख उपभोक्ता वस्तुओं के दामों में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। यह गिरावट ऐसे समय में देखी गई है, जब कई देशों में आर्थिक गतिविधियां स्थिर हो रही हैं और आपूर्ति श्रृंखला भी सामान्य स्थिति में लौट रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार, खाद्य तेल के अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग में कमी और उत्पादन में सुधार के चलते कीमतों पर नीचे जाने का दबाव बना है।
इसी तरह डेयरी उत्पादों की कीमतों में भी नरमी देखने को मिली है। दूध और इससे बने उत्पादों की कीमतों में आई गिरावट का सीधा असर कई देशों में उपभोक्ताओं को राहत के रूप में मिल सकता है। चीनी के मामले में भी उत्पादन में बढ़ोतरी और भंडारण स्तर में सुधार के कारण कीमतों में नरमी दर्ज की गई है।
रिपोर्ट बताती है कि वैश्विक खाद्य कीमतों में इस प्रकार का निरंतर गिरावट वाला रुझान उपभोक्ता देशों के लिए राहत की खबर है। उच्च मुद्रास्फीति झेल रहे कई देशों में इससे घरेलू बाजार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि कीमतों में इस कमी का असर सभी क्षेत्रों में समान रूप से नहीं दिखेगा, क्योंकि परिवहन लागत, कर संरचना और स्थानीय बाजार की मांग जैसे कारक भी अंतिम खुदरा मूल्य निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इसके बावजूद, लगातार तीन महीनों से जारी यह सकारात्मक रुझान वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए उत्साहजनक संकेत माना जा रहा है। आगामी महीनों में भी यदि उत्पादन और आपूर्ति की स्थिति अनुकूल बनी रहती है, तो खाद्य कीमतों में स्थिरता या और राहत की उम्मीद की जा सकती है।





