विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को विकसित भारत एम्बेस्डर आर्टिस्ट कार्यशाला में भाग लिया। उन्होंने इस दौरान कार्यक्रम की सराहना की। कार्यक्रम नेशनल गैलरी ऑफ मॉर्डन आर्ट के सहयोग से ललित कला अकादमी द्वारा पुराना किला में आयोजित किया गया था। कला के माध्यम से विकसित भारत की विभिन्न अभिव्यक्तियों को देखकर खुशी हुई। संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि हर किसी को भारत की विविधता का अनुभव करने का मौका मिलना चाहिए। जी-20 के दौरान हमारा लक्ष्य था कि अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम राष्ट्रीय राजधानी तक सीमित न रहे। उन्हें पूरे देश में ले जाया जाए। जब हम बात करते हैं विकसित भारत के बारे में इसका मतलब है कि दुनिया में भारत का प्रभाव बढ़े। इसके लिए सबसे अहम है कि हर किसी को भारत के बारे में जानना जरूरी है। आज का कार्यक्रम एक शानदार पहल है। मैंने यहां लोगों की आकांक्षाएं देखीं हैं। चंद्रयान का प्रभाव भी देखने को मिला। पीएम मोदी और चंद्रयान हमेशा लोगों के दिमाग में है।
सम्मेलन में उन्होंने विकसित भारत के विभिन्न पहलुओं पर भी बात की। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के कई पहलु हैं। हम खुद को एक सभ्यतागत राज्य मानते हैं। हम विश्व की बड़ी शक्तियों में से एक बनना चाहते हैं। हम सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने की आकांक्षा है। हम आर्थिक मोर्चे पर पांचवे स्थान पर है लेकिन जल्द ही तीसरा बन जाएगा।