देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के इतिहास का एक गौरवशाली अध्याय आज से जुड़ने जा रहा है। राज्य गठन की रजत जयंती (25 वर्ष) के उपलक्ष्य में विधानसभा में दो दिवसीय विशेष सत्र आयोजित किया जा रहा है। इस सत्र में देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू विशेष रूप से उपस्थित होंगी और सदन को संबोधित करेंगी। विधानसभा सचिवालय से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। यह आयोजन उत्तराखंड के अब तक के विकास सफर, लोकतांत्रिक उपलब्धियों और भविष्य की दिशा तय करने वाला साबित होगा।
विशेष सत्र का ऐतिहासिक महत्व
विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी भूषण ने बताया कि रजत जयंती सत्र राज्य के 25 वर्षों की विकास यात्रा का प्रतीक है। इस अवसर पर न केवल वर्तमान विधायक, बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व अध्यक्ष और पूर्व सदस्य भी आमंत्रित किए गए हैं। सत्र के पहले दिन राज्य के गठन से लेकर अब तक की उपलब्धियों, चुनौतियों और जनहित नीतियों पर विशेष चर्चा होगी।
दूसरे दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू विधानसभा को संबोधित करेंगी और राज्य के लोकतांत्रिक संस्थानों की भूमिका पर अपने विचार साझा करेंगी।
पूरी हुई तैयारियां, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
विधानसभा परिसर और देहरादून शहर को रजत जयंती समारोह के अनुरूप सजाया गया है। प्रवेश द्वारों, दीवारों और सभा भवन को राज्य की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने वाले पोस्टरों और फूलों से सजाया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से राष्ट्रपति की यात्रा को देखते हुए मल्टी-लेयर सिक्योरिटी सिस्टम लागू किया गया है। एनएसजी, एसपीजी, आईबी और स्थानीय पुलिस बल की संयुक्त टीमें सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी कर रही हैं।
विशेष सत्र में पिछले 25 वर्षों में उत्तराखंड की सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, जलविद्युत, पर्यटन और महिला सशक्तिकरण से जुड़ी उपलब्धियों पर प्रस्तुतियां दी जाएंगी। इसके साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों के संतुलित विकास और पलायन रोकने की दिशा में भविष्य की नीतियों पर भी चर्चा होगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि रजत जयंती सत्र केवल उत्सव नहीं, बल्कि आत्ममंथन और भविष्य की रणनीति तय करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ने सीमित संसाधनों के बावजूद अनेक क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्तर पर उदाहरण प्रस्तुत किए हैं।
सत्र के दौरान राज्य के गठन में योगदान देने वाले पूर्व विधायकों, जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा। शाम को विधानसभा प्रांगण में उत्तराखंड की लोक संस्कृति पर आधारित विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा।
इस अवसर पर विधानसभा सचिवालय ने राज्य के सभी जिलों से छात्रों, शिक्षकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया है ताकि वे विधानसभा की कार्यप्रणाली को समझ सकें और लोकतंत्र की इस ऐतिहासिक यात्रा का हिस्सा बनें।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि राष्ट्रपति का आगमन राज्य के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि पूरा प्रशासन यह सुनिश्चित करने में जुटा है कि यह आयोजन उत्तराखंड के इतिहास में स्मरणीय और प्रेरणादायक अध्याय बन सके।