सेमीकंडक्टर क्षेत्र में विदेशी कंपनियों ने भारत में निवेश करने के लिए तैयारी जताई है। भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ाने के लिए लगभग 1.6 लाख करोड़ रुपये के प्रस्तावों का मूल्यांकन शुरू किया है। यह फैसला चीन और ताइवान जैसे देशों के साथ सेमीकंडक्टर की दौड़ में पीछे रह जाने के बाद लिया गया है। इसी धारावाहिकता में, इस्राइल की टावर सेमीकंडक्टर और टाटा समूह ने गुजरात में चिप निर्माण यूनिट स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। टावर सेमीकंडक्टर ने 9 अरब डॉलर और टाटा समूह ने 8 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है।
सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका, जापान और चीन जैसे देश अपनी अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारी निवेश कर रहे हैं। भारत भी इसी दिशा में काम कर रहा है। सरकार भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर विनिर्माण केंद्र बनाने की चाह रखती है। इसके लिए देश में अंतरराष्ट्रीय सेमीकंडक्टर निर्माताओं को आकर्षित करने की जरूरत है। सरकार घरेलू सेमीकंडक्टर निर्माण को बढ़ावा देने के लिए किसी भी स्वीकृत परियोजना की आधी लागत वहन करेगी। इसके लिए शुरुआती बजट 10 अरब डॉलर होगा। सेमीकंडक्टर के सभी प्रस्तावों को आगे बढ़ाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी की जरूरत होगी, जो कुछ सप्ताह में मिल सकती है।
जापान की रेनेसा इलेक्ट्रॉनिक्स भारत में चिप-पैकेजिंग कारखाना लगा सकती है। इसमें चिप बनाने के साथ निर्यात भी होगा। रेनेसा इसके लिए मुरुगप्पा समूह की सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस के साथ उपक्रम बनाएगी।
टावर सेमीकंडक्टर भारत में स्थापित कर रही है कारखाना। यह कंपनी भारत जैसे बड़े बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाने और नए ग्राहकों को आकर्षित करने में मदद करेगा। यह इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे नए क्षेत्रों में भी काम कर रही है, जो भविष्य में बहुत बड़ा हो सकता है। टावर की योजना एक दशक में प्लांट को बढ़ाने और प्रति माह 80,000 सिलिकॉन वेफर्स का उत्पादन करने की है। यदि मंजूरी मिल जाती है, तो यह भारत में किसी प्रमुख सेमीकंडक्टर कंपनी की पहली फैब्रिकेशन यूनिट होगी।
टाटा समूह की पावरचिप के साथ साझेदारी संभव है। सूत्रों के मुताबिक, टाटा समूह अपने प्रोजेक्ट के लिए ताइवान के पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन के साथ साझेदारी कर सकता है। हालांकि इसने यूनाइटेड माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन के साथ भी बातचीत की है। समूह ने पहले कहा था कि वह इस साल गुजरात के धोलेरा में चिप प्लांट का निर्माण शुरू करने की योजना बना रहा है। टावर और टाटा सेमीकंडक्टर का उत्पादन करेंगी। इसमें विशेष रूप से 40-नैनोमीटर या पुरानी तकनीक का उपयोग होगा, जिसका इस्तेमाल उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, रक्षा सिस्टम और विमानों में किया जाता है।