Wednesday, October 29, 2025

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वित्तीय प्रबंधन में उत्तराखंड का श्रेष्ठ प्रदर्शन, हिमालयी राज्यों में दूसरा स्थान

देहरादून। सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन में उत्तराखंड ने उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है। अरुण जेटली राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान (एजेएनआईएफएम) द्वारा जारी वित्तीय वर्ष 2023-24 की रिपोर्ट में उत्तराखंड को हिमालयी राज्यों की श्रेणी में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। सूची में अरुणाचल प्रदेश प्रथम और मेघालय तीसरे स्थान पर है।
केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन एजेएनआईएफएम वित्तीय प्रबंधन एवं राजकोषीय नीति को लेकर अनुसंधान और प्रशिक्षण प्रदान करता है। संस्था द्वारा जारी सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन सूचकांक के अनुसार, उत्तराखंड ने वित्तीय अनुशासन, राजकोषीय समायोजन और राजस्व संरचना में सराहनीय प्रदर्शन किया है।
राज्य की अर्थव्यवस्था में लगातार मजबूती
रिपोर्ट के मुताबिक—
• उत्तराखंड की जीएसडीपी 3,32,998 करोड़ रुपये आंकी गई है, जिसमें 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई।
• प्रति व्यक्ति आय 2,46,178 रुपये तक पहुँच चुकी है।
• शिक्षा और स्वास्थ्य पर राज्य कुल व्यय का 18 प्रतिशत खर्च कर रहा है, जो सामाजिक क्षेत्र में राज्य की प्रतिबद्धता दर्शाता है।
कोविड-19 महामारी से पहले वित्तीय वर्ष 2020 में राज्य अपने कुल राजस्व का आधे से अधिक हिस्सा स्वयं के संसाधनों से जुटाने में सक्षम था। इसके बाद से यह हिस्सा निरंतर बढ़ रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार—
• राज्य का कर राजस्व वित्त वर्ष 2020 से 14 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ा है।
• इसमें जीएसटी से 14 प्रतिशत, पेट्रोलियम व शराब से 9 प्रतिशत, स्टांप और पंजीकरण शुल्क से 23 प्रतिशत तथा उत्पाद शुल्क से 10 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई है।
वित्त वर्ष 2020 तक राज्य राजस्व घाटे में था। वर्ष 2021 में राज्य ने 1,113 करोड़ रुपये का राजस्व अधिशेष हासिल किया, जो बढ़कर वित्त वर्ष 2023 में 5,310 करोड़ रुपये तक पहुँच गया। इसी अधिशेष ने राज्य को प्राथमिक खाते में भी सुधार करने में सक्षम बनाया, जिसके परिणामस्वरूप—
• राजकोषीय घाटा वर्ष 2020 के 7,657 करोड़ रुपये से घटकर वर्ष 2023 में 2,949 करोड़ रुपये रह गया।
साथ ही वेतन, पेंशन और ब्याज भुगतान पर होने वाला व्यय भी घटा है। वित्त वर्ष 2019 में कुल राजस्व व्यय का 66.5 प्रतिशत रहने वाला यह खर्च, वित्त वर्ष 2024 में घटकर लगभग 58 प्रतिशत होने का अनुमान है।
वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि वित्तीय प्रबंधन में सुधार के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। हिमालयी राज्यों में दूसरा स्थान प्राप्त होना, संतुलित वित्तीय नीतियों और प्रभावी राजकोषीय अनुशासन का परिणाम है, जो उत्तराखंड की आर्थिक स्थिति को और मजबूत करेगा।

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