आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्षी नेता वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने राज्य की वित्तीय स्थिति को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के 2025-26 की पहली तिमाही के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि राज्य की वित्तीय स्थिरता संकट में है।
🔹 CAG आंकड़ों के आधार पर जताई गंभीरता
जगन रेड्डी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट करते हुए लिखा:
“सीएजी के मासिक आंकड़े दिखाते हैं कि राज्य सरकार वित्तीय दबाव में है। 2025-26 की पहली तिमाही में स्थिति और बिगड़ गई है। यह वित्तीय स्थिरता को लेकर गंभीर संकेत है।”
🔹 खुद की आय पर निर्भरता घटी, केंद्र पर बढ़ा भरोसा
जगन रेड्डी ने कहा:
- राज्य की स्वयं की राजस्व आय में मात्र 47% की मामूली वृद्धि हुई है।
- केंद्र सरकार से मिले अनुदान सहित कुल आय में 14% की वृद्धि दर्ज की गई है।
- इससे स्पष्ट है कि राज्य अपनी आंतरिक आय के बजाय केंद्र पर अधिक निर्भर होता जा रहा है।
🔹 विकास दर और खपत में गिरावट का आरोप
वाईएसआरसीपी प्रमुख ने यह भी कहा कि:
- जीएसटी और बिक्री कर, जो खपत के संकेतक माने जाते हैं, उनमें पिछले साल से भी कम आय हुई है।
- कई राजस्व श्रेणियों में या तो बहुत कम वृद्धि हुई है या नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे यह स्पष्ट है कि आर्थिक रफ्तार कमजोर पड़ गई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि:
“राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में कमजोर वृद्धि दर यह दर्शाती है कि शासन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है, जिससे राजस्व में गिरावट आई है।”
🔹 आर्थिक पुनरुद्धार के लिए सुझाव
जगन रेड्डी ने सुझाव दिया कि:
“कल्याण और विकास पर संतुलित खर्च से निजी खपत और निवेश को प्रोत्साहन मिल सकता है, जिससे राज्य की आर्थिक चक्र फिर से गति पकड़ सकता है।”
🔹 सरकार की प्रतिक्रिया शेष
फिलहाल, सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।