गांधीनगर। गुजरात में सोमवार को बहुप्रतीक्षित वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ हुआ। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन किया और राज्य को निवेश एवं विकास के नए अवसरों का केंद्र बनाने की दिशा में इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि वाइब्रेंट गुजरात केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास का विज़न है। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में इस पहल ने न केवल देश बल्कि वैश्विक स्तर पर भी गुजरात को निवेश का पसंदीदा गंतव्य बनाया है।
भूपेंद्र पटेल ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न के अनुरूप गुजरात में औद्योगिक विकास, रोजगार सृजन और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। “रीजनल कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य उद्योगों, उद्यमियों और नीति-निर्माताओं को एक साझा मंच देना है, ताकि नई संभावनाओं पर मंथन किया जा सके और निवेश के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया जा सके।”
कार्यक्रम में उद्योग जगत की कई हस्तियों, सरकारी अधिकारियों और उद्यमियों ने शिरकत की। विभिन्न सत्रों में ऊर्जा, मैन्युफैक्चरिंग, स्टार्टअप्स, डिजिटल इनोवेशन और सतत विकास जैसे विषयों पर चर्चा हुई।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह कॉन्फ्रेंस राज्य के छोटे और मध्यम उद्योगों को भी बड़े उद्योगों के साथ जुड़ने और अपनी संभावनाओं को साकार करने का अवसर देगा। साथ ही यह आयोजन गुजरात की रीजनल अर्थव्यवस्था को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा।
राजनीतिक और आर्थिक विश्लेषकों के अनुसार, वाइब्रेंट गुजरात की यह रीजनल कॉन्फ्रेंस आने वाले वैश्विक समिट की नींव मानी जा रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि इससे राज्य में निवेश के नए रास्ते खुलेंगे और विकास की गति और तेज होगी।