देहरादून। राजधानी में वकीलों का विरोध-प्रदर्शन शुक्रवार को भी जारी रहा। मांगों को लेकर दून बार एसोसिएशन और राज्य सरकार के बीच हुई बातचीत निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सकी, जिसके चलते अधिवक्ताओं ने आज भी चक्का जाम कर अपना विरोध दर्ज कराया। अदालतों में कार्य प्रभावित रहा और आमजन को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
दून बार एसोसिएशन लंबे समय से अधिवक्ताओं से जुड़े विभिन्न मुद्दों के समाधान की मांग कर रहा है। इसमें वकीलों को सुरक्षा प्रदान करने, अधिवक्ता संरक्षण कानून को प्रभावी रूप से लागू करने, वकीलों के कल्याण से जुड़े प्रावधानों को मजबूती देने, बेहतर बुनियादी सुविधाएं और न्यायिक प्रक्रियाओं में सुधार जैसे मुद्दे प्रमुख हैं।
बार के पदाधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई का भरोसा नहीं देती, आंदोलन जारी रहेगा। अधिवक्ता सुबह से ही सड़कों पर उतरे और कई स्थानों पर वाहनों की आवाजाही रोककर जाम लगाया। इस दौरान पुलिस ने स्थिति नियंत्रित करने की कोशिश की लेकिन प्रदर्शनकारी वकील अपने रुख पर अड़े रहे।
अदालतों में हाजिरी देने पहुंचे कई वादकारियों को मायूस लौटना पड़ा। कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई एक बार फिर टल गई। वकीलों का कहना है कि वे जनता को असुविधा नहीं देना चाहते, लेकिन सरकार की लगातार अनदेखी ने उन्हें सड़कों पर उतरने को मजबूर किया है।
बार एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने बताया कि सरकार के साथ वार्ता के लिए वे हमेशा तैयार हैं, बशर्ते उनकी मांगों पर स्पष्ट आश्वासन दिया जाए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आंदोलन उग्र रूप ले सकता है।
इधर, सरकारी सूत्रों ने कहा है कि वकीलों के मुद्दों को लेकर विचार-विमर्श जारी है और जल्द ही सकारात्मक समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा। फिलहाल, दोनों पक्षों के बीच सहमति न बन पाने के कारण विवाद का समाधान टलता दिख रहा है।





