वाशिंगटन/लॉस एंजिल्स। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) ने मंगलवार को घोषणा की कि लॉस एंजिल्स में तैनात 4,000 नेशनल गार्ड सैनिकों में से 2,000 को वापस बुलाया जा रहा है। यह कदम हाल ही में हुए आव्रजन विरोधी प्रदर्शनों पर नियंत्रण और सुरक्षा बहाल होने के बाद उठाया गया है। पेंटागन ने इसे मिशन की सफलता करार दिया है।
क्यों भेजे गए थे सैनिक?
पिछले महीने, ट्रंप प्रशासन द्वारा आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) एजेंटों की छापेमारी के खिलाफ लॉस एंजिल्स समेत कई शहरों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। इन प्रदर्शनों के दौरान संघीय संपत्तियों और अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए करीब 4,000 नेशनल गार्ड सैनिक और 700 मरीन शहर में तैनात किए गए थे।
अब क्यों हटाए जा रहे हैं सैनिक?
पेंटागन के प्रवक्ता सीन पार्नेल ने कहा,
“हमारे सैनिकों की तत्परता और सेवा के कारण लॉस एंजिल्स में हालात में स्थिरता आई है और अराजकता में कमी दर्ज की गई है। यही वजह है कि अब 2,000 सैनिकों को वापस बुलाया जा रहा है।”
हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि शेष 2,000 सैनिकों और 700 मरीन की तैनाती कितने समय तक जारी रहेगी।
60 दिन में बदले हालात, लेकिन सवाल कायम
जून की शुरुआत में शुरू हुई तैनाती को लेकर अब 60 दिन के भीतर ही आंशिक वापसी का फैसला कुछ सवाल भी खड़ा कर रहा है। विरोध प्रदर्शन की तीव्रता भले ही कम हुई हो, लेकिन यह भी स्पष्ट नहीं है कि तैनाती को अचानक कम क्यों किया गया और क्या यह राजनीतिक दबाव या प्रशासनिक संतुलन का हिस्सा है।
निष्कर्ष: स्थिति नियंत्रण में, लेकिन सतर्कता बनी रहेगी
पेंटागन का कहना है कि स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां अभी भी बाकी सैनिकों की तैनाती पर निगरानी बनाए हुए हैं।
वहीं, लॉस एंजिल्स जैसे बड़े शहरी केंद्र में हुए इन विरोधों और भारी सैन्य तैनाती ने एक बार फिर अमेरिका में आव्रजन नीति, नागरिक स्वतंत्रता और संघीय कार्रवाई को लेकर नई बहस को जन्म दे दिया है।