लिथुआनिया के प्रधानमंत्री गिनटॉटस पलुकस ने कारोबारी घोटालों और बढ़ते जनविरोध के बीच अपने पद और पार्टी नेतृत्व दोनों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति गितानास नाउसैडा को फोन पर अपने फैसले की जानकारी दी, जिसे राष्ट्रपति ने “सही दिशा में उठाया गया कदम” बताया।
इस्तीफे से पहले ‘डेमोक्रेटिक यूनियन फॉर लिथुआनिया’ के नेता और संसद अध्यक्ष साउलियस स्कवर्नेइलिस ने पलुकस के पद पर बने रहने की स्थिति में गठबंधन से अलग होने की चेतावनी दी थी।
इससे पहले फाइनेंशियल क्राइम इन्वेस्टिगेशन सर्विस (एफएनटीटी) ने पलुकस की सालियों की कंपनी ‘डनकोरा’ पर छापेमारी की थी। जांच में पाया गया कि यह कंपनी यूरोपीय संघ की सब्सिडी से उस फर्म से बैटरी सिस्टम खरीद रही थी जिसमें पलुकस की हिस्सेदारी है।
इसके अलावा, अघोषित संपत्तियों, विवादास्पद लेनदेन, और सरकारी छूट पर खरीदे गए फ्लैट को लेकर भी गंभीर सवाल उठे।
अब अगला प्रधानमंत्री कौन होगा, इस पर चर्चाएं तेज हैं। संभावित नामों में डिप्टी स्पीकर जुयोसास ओलेकास, मेयर मिंडौगस सिंकविचियस और सामाजिक सुरक्षा मंत्री इंग्गा रुगिनिएने प्रमुख हैं। राष्ट्रपति और संसद की सहमति से जल्द नई नियुक्ति तय होगी।