राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) की फंडिंग नेटवर्क का बड़ा खुलासा किया है। एजेंसी की जांच में सामने आया है कि TRF हवाला, क्रिप्टोकरेंसी और विदेशी चंदे के जरिए जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के लिए रकम जुटा रहा था। इस रकम का इस्तेमाल हथियार खरीदने, मॉड्यूल को मजबूत करने और आतंकियों की भर्ती में किया जा रहा था।
जांच एजेंसी ने अब तक इस नेटवर्क से जुड़े कई बैंक खातों की पहचान की है और करोड़ों रुपये की संदिग्ध रकम को जब्त किया है। NIA ने बताया कि हवाला ऑपरेटरों और फर्जी कंपनियों के जरिए भारत में पैसा पहुंचाया जा रहा था। एजेंसी ने छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में नकदी, कई डिजिटल उपकरण और संदिग्ध दस्तावेज भी बरामद किए हैं।
अब तक की कार्रवाई में कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है और कुछ की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। इनमें जम्मू-कश्मीर के स्थानीय सहयोगी भी शामिल हैं, जो आतंकियों तक पैसे और रसद पहुंचाने का काम कर रहे थे। NIA के अधिकारियों का कहना है कि TRF दरअसल लश्कर-ए-तैयबा का ही एक मुखौटा संगठन है, जिसे भारत में सुरक्षा एजेंसियों की नजर से बचाने के लिए बनाया गया था।
एजेंसी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस नेटवर्क की जांच तेज कर दी है। कई विदेशी खातों और क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट्स को ट्रैक किया जा रहा है। NIA का मानना है कि इस कार्रवाई से TRF और लश्कर-ए-तैयबा की फंडिंग नेटवर्क को बड़ा झटका लगेगा और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की उनकी क्षमता कमजोर होगी।