Wednesday, August 27, 2025

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लगातार बारिश से यमुना का जलस्तर बढ़ा, स्यानाचट्टी में झील के मुहाने तक तीसरे दिन भी नहीं पहुंची मशीनें, प्रभावित क्षेत्र का सीएम धामी ने किया स्थलीय निरीक्षण

उत्तरकाशी जनपद में लगातार हो रही बारिश से यमुना नदी का जलस्तर बढ़ गया है। स्यानाचट्टी क्षेत्र में सोमवार देर शाम अचानक पानी का स्तर तेजी से बढ़ने से स्थानीय लोग दहशत में आ गए। लोग अपने मकानों और होटलों से सामान निकालकर सुरक्षित स्थानों की ओर जाने को मजबूर हो गए। कई होटल संचालकों ने अपने प्रतिष्ठान खाली कर दिए।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं मंगलवार को स्यानाचट्टी आपदा प्रभावित क्षेत्र पहुंचे और हालात का स्थलीय निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों से बातचीत कर प्रशासन को हरसंभव सहायता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

झील के मुहाने तक नहीं पहुंच पाई मशीनें

लगातार बारिश और मलबा आने के कारण स्यानाचट्टी में झील का स्तर लगातार बढ़ रहा है। प्रभावित क्षेत्र करीब 400 मीटर तक फैल गया है, जिससे सरकारी और निजी संपत्तियां नुकसान झेल रही हैं। तीन दिन बीत जाने के बाद भी सिंचाई विभाग झील के मुहाने तक मशीनें नहीं पहुंचा सका है।
हालांकि विभाग ने कुपड़ा खड्ड के पास तीन पोकलेन मशीनों को उतारने की कोशिश की, लेकिन खराब मौसम और भूगर्भीय चुनौतियों के चलते काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। विभाग के अधिशासी अभियंता पन्नी लाल ने बताया कि यमुना नदी के पास चैनलाइजेशन कार्य जारी है और मशीनों के लिए रास्ता बनाया जा रहा है ताकि जल्द से जल्द झील का निकास खोला जा सके।
हाईवे बंद, जनजीवन प्रभावित

लगातार बारिश और भूस्खलन से क्षेत्र की सड़क व्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित है। गंगोत्री हाईवे नलूण के पास दो दिन बंद रहने के बाद मंगलवार को यातायात के लिए बहाल कर दिया गया, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली।
वहीं, यमुनोत्री हाईवे जंगलचट्टी और नारदचट्टी के पास लगातार पांचवें दिन भी बंद रहा। इससे यमुनोत्री धाम और आसपास के पांच गांवों के ग्रामीणों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। एनएच विभाग के अधिशासी अभियंता मनोज रावत ने बताया कि लगातार पहाड़ी से मलबा और पत्थर गिरने के कारण हाईवे खोलने में दिक्कत आ रही है।
भूस्खलन क्षेत्र पर ड्रोन से निगरानी
नलूणा के पास गंगोत्री हाईवे पर बड़ा भूस्खलन जोन बन चुका है। सोमवार सुबह यहां भारी भूस्खलन से मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया था और आसपास के कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया था। प्रशासन इस क्षेत्र की ड्रोन से निगरानी कर रहा है ताकि स्थिति पर निरंतर नजर रखी जा सके।

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