Friday, September 20, 2024

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लंबे समय से लिखी जा रही थी हसीना की बेदखली की स्क्रिप्ट

पांच अगस्त को शेख हसीना को बांग्लादेश की सेना ने देश छोड़ने के लिए 45 मिनट का समय दिया, लेकिन तख्तापलट की यह स्क्रिप्ट रातों-रात तैयार नहीं हुई, बल्कि एक के बाद एक चालें चली गईं। मई से अब तक के घटनाक्रम पर अगर नजर डालें, तो विशेषज्ञों ने इस बात की आशंका जताई है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के गठजोड़ ने हसीना को सत्ता से रुखसत किया है।

23 मई : शेख हसीना ने कहा कि एक ‘श्वेत व्यक्ति’ ने उन्हें प्रस्ताव दिया है कि यदि वे एक देश (अमेरिका) को बांग्लादेश में सैन्य एयरबेस बनाने दें, तो उन्हें कोई समस्या नहीं होगी।

5 जून : हाईकोर्ट ने नौकरियों में बांग्लादेश मुक्ति योद्धाओं को आरक्षण बहाल करने का आदेश दिया और 2018 में सरकारी नौकरियों में आरक्षण रद्द करने की सरकारी अधिसूचना को अवैध करार दिया था।

1 जुलाई : बार्क यूनिवर्सिटी से शुरू हुआ आरक्षण कोटे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन देशभर में फैलने लगा।

16 जुलाई : विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। सुरक्षा अधिकारियों के साथ झड़पें हुईं। इंटरनेट बंद कर दिया गया, जो 10 दिनों तक बंद रहा।

21 जुलाई : सुप्रीम कोर्ट ने कोटा सिस्टम को कम करने का आदेश दिया, मुक्ति योद्धाओं को 30 से घटाकर 5 फीसदी आरक्षण का आदेश दिया। फैसले के बाद स्थिति सामान्य होने लगी।

4 अगस्त : पूर्व सेना प्रमुख जनरल इकबाल करीम भुइयां ने सरकार से सैनिकों को वापस बुलाने और विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई मौतों की निंदा करने को कहा। सेना प्रमुख वकर-उज-जमां ने भी प्रदर्शनकारियों के प्रति समर्थन दोहराया।

5 अगस्त : सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना के इस्तीफे की मांग करते हुए ढाका तक लांग मार्च का एलान किया। 5 अगस्त को ही सेना प्रमुख ने प्रधानमंत्री को अल्टीमेटम जारी किया कि वे 45 मिनट में इस्तीफा दे दें। इसके बाद पांच अगस्त को ही अमेरिका और ब्रिटेन सहित तमाम पश्चिमी देशों ने एक चुनी हुई प्रधानमंत्री के तख्तापलट का स्वागत किया।

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