प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पहली बार अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) दाखिल कर दी है। यह चार्जशीट गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव में 3.53 एकड़ जमीन के विवादित सौदे से जुड़ी है, जिसमें वाड्रा पर बिना कोई धनराशि खर्च किए 58 करोड़ रुपये की डील करने का आरोप है।
क्या है मामला?
- वर्ष 2008 में रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी के नाम यह जमीन ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से खरीदी गई थी।
- चौंकाने वाली बात यह है कि स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी और स्काईलाइट रियलिटी – दोनों कंपनियों के खाते में उस वक्त सिर्फ 1-1 लाख रुपये ही जमा थे।
- जमीन का सौदा 5 करोड़ रुपये में दिखाया गया, लेकिन यह चेक कभी भुनाया ही नहीं गया।
- इसके बावजूद रजिस्ट्री भी हो गई और 45 लाख रुपये के स्टांप शुल्क का भुगतान भी ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज ने ही किया।
जल्द ही हरियाणा सरकार ने लैंड यूज़ बदल दिया और स्काईलाइट ने यह जमीन 2012 में DLF को 58 करोड़ रुपये में बेच दी। 2012 में ही आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने इस सौदे को नियमों के उल्लंघन के चलते रद्द कर दिया था।
ईडी के आरोप
- मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के तहत चार्जशीट दाखिल की गई है।
- वाड्रा इस डील को लेकर ईडी के सामने जवाब नहीं दे पाए कि बिना एक पैसा खर्च किए उन्होंने यह जमीन कैसे खरीदी।
- मामले में वाड्रा समेत कुल 11 व्यक्ति और कंपनियों को आरोपी बनाया गया है।
संपत्तियां कुर्क
ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा से जुड़ी 43 अचल संपत्तियों को भी कुर्क किया है, जिनकी कीमत लगभग 37.64 करोड़ रुपये बताई गई है। ये संपत्तियां राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब और गुजरात में स्थित हैं।
अन्य मामले
- वाड्रा के खिलाफ बीकानेर जमीन घोटाला और लंदन स्थित बंगले से जुड़े मामलों की जांच भी चल रही है।
- हाल ही में उन्हें लंदन के 12 ब्रायंस्टन स्क्वायर बंगले को लेकर दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया गया था।
वाड्रा और कांग्रेस की प्रतिक्रिया
रॉबर्ट वाड्रा ने इस पूरे मामले को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है। उनके कार्यालय ने बयान जारी कर कहा कि अदालत ने अभी तक चार्जशीट को संज्ञान में नहीं लिया है, और वाड्रा को अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने हमेशा जांच में सहयोग किया है और उन्हें भरोसा है कि सच्चाई सामने आकर उन्हें निर्दोष साबित करेगी।
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा,
“संपत्ति की खरीद-बिक्री कब से अपराध हो गई? यह मोदी सरकार की बदले की राजनीति है, जो अंततः विफल होगी।”
निष्कर्ष
यह मामला रॉबर्ट वाड्रा के लिए कानूनी रूप से अब तक की सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। अगर अदालत चार्जशीट को संज्ञान में लेती है, तो उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही की शुरुआत हो सकती है, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल और बढ़ सकती है।