केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि रूस से तेल खरीद में कमी की कोई उम्मीद नहीं है। उन्होंने बताया कि भारत सभी स्रोतों से सस्ती ऊर्जा आयात के लिए खुला है। केंद्रीय मंत्री पुरी नई दिल्ली स्थित यशोभूमि में 11 से 14 फरवरी तक आयोजित भारत ऊर्जा सप्ताह 2025 में बोल रहे थे। इस दौरान केंद्रीय मंत्री पुरी से पूछा गया कि क्या रूस से तेल खरीद में कमी आएगी, इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘नहीं, ऐसी कोई उम्मीद नहीं है। सभी खरीद मूल्य पर निर्भर करती हैं, मैंने कई मौकों पर कहा है कि हम आयात के बिंदु पर निविदा जारी करते हैं। उदाहरण के लिए मान लीजिए कि बंदरगाहों में से एक, हमें इस तरह के मार्ग की आवश्यकता है कि कोई भी व्यक्ति कीमतों पर निविदा दे सके।’ पुरी ने कहा, ‘हम अलग-अलग स्रोतों से आयात की जाने वाली मात्रा में उतार-चढ़ाव करते रहते हैं। पहले हमारे पास कुछ हद तक सरल स्थिति थी, जहां अगर हम प्रतिदिन 5 मिलियन बैरल की खपत करते थे, तो आपको 800,000 बैरल की आपूर्ति करने वाले लगभग 5 या 6 आपूर्तिकर्ता मिलते थे। कभी-कभी यह 800,000 से बढ़कर एक मिलियन से अधिक हो जाता है, कभी-कभी यह घटकर 5 लाख 500,000 बैरल प्रतिदिन हो जाता है।’
उन्होंने कहा कि यह सब कीमतों पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि अगर सस्ती ऊर्जा उपलब्ध है, तो यह बहुत जटिल प्रक्रिया है। उत्पादन की लागत, अंतरराष्ट्रीय मूल्य, बीमा की लागत और माल ढुलाई की लागत सभी को ध्यान में रखा जाता है। उन्होंने आगे कहा, ‘हम कई स्रोतों से आयात करते हैं और नए आपूर्तिकर्ता बाजार में आ रहे हैं। वैश्विक बाजार में ऊर्जा की उपलब्धता बढ़ रही है।’
इस बीच, रूस के ऊर्जा उप मंत्री पावेल सोरोकिन से जब पूछा गया कि जब रूसी तेल अमेरिकी प्रतिबंधों के तहत है, तो वे भारत के आयात को कैसे देखते हैं, तो उन्होंने जवाब दिया कि भारत के साथ व्यापार संबंध व्यावहारिकता और आपसी सम्मान पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि वह भारत के साथ व्यापार संबंधों को बहुत महत्व देते हैं और उनका दृढ़ विश्वास है कि यह संबंध आगे भी फलते-फूलते रहेंगे।





