यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने रूस को साफ लहजे में चेतावनी दी है कि ‘हम अपनी जमीन के लिए रूस को कभी नहीं छोड़ेंगे’। यह बयान रूस-यूक्रेन युद्ध के तीन वर्ष पूरे होने के बीच आया है, जब शांति वार्ताओं की कोई गुंजाइश नजर नहीं आ रही। जेलेंस्की ने एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि यूक्रेन की संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं होगा, और रूस को कब्जे वाली सभी भूमियों से पीछे हटना होगा।
युद्ध की शुरुआत 2022 में रूसी आक्रमण से हुई थी, जिसमें डोनेट्स्क, लुहान्स्क, खेरसॉन और जापोरिजिया जैसे क्षेत्रों पर रूस ने कब्जा कर लिया। जेलेंस्की ने स्पष्ट किया कि शांति के लिए रूस को न केवल क्रिमिया समेत सभी कब्जे वाली जमीनें लौटानी होंगी, बल्कि युद्ध अपराधियों पर मुकदमे चलाने और पुनर्निर्माण के लिए अरबों डॉलर का भुगतान भी करना होगा। उन्होंने नाटो सदस्यता और सुरक्षा गारंटी की मांग की, जो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए अस्वीकार्य है।
पुतिन ने हाल ही में दावा किया था कि रूस की ‘विशेष सैन्य कार्रवाई’ सफल रही है, लेकिन जेलेंस्की ने इसे खारिज करते हुए कहा कि यूक्रेन की सेना ने रूस को भारी नुकसान पहुंचाया है। अमेरिका और यूरोपीय संघ ने जेलेंस्की का समर्थन किया है, लेकिन युद्ध थकान के कारण सहायता में कमी आ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि जेलेंस्की की ये शर्तें युद्ध को लंबा खींच सकती हैं, क्योंकि रूस कोई रियायत देने को तैयार नहीं।
कीव में चल रही बैठक में जेलेंस्की ने पश्चिमी देशों से अधिक हथियार और वित्तीय सहायता की अपील की। उन्होंने कहा कि बिना पूर्ण विजय के शांति असंभव है, और यूक्रेन कभी भी क्रीमिया या पूर्वी क्षेत्रों को नहीं सौंपेगा। रूसी मीडिया ने इसे ‘अवास्तविक मांगें’ करार दिया, जबकि यूक्रेनी जनता जेलेंस्की के रुख का समर्थन कर रही है।
यह बयान वैश्विक कूटनीति को प्रभावित करेगा, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और यूरोपीय ऊर्जा संकट के बीच शांति प्रयास रुके हुए हैं। जेलेंस्की ने अंत में जोर दिया कि यूक्रेन की आजादी पर कोई समझौता नहीं होगा।





