कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग (ECI) को कठघरे में खड़ा किया है। इस बार उन्होंने गुजरात की कुछ गुमनाम राजनीतिक पार्टियों को मिले 4,300 करोड़ रुपये के चंदे को लेकर सवाल उठाए हैं। राहुल ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए आयोग से पूछा कि क्या वह इस पर जांच करेगा या फिर पहले की तरह उनसे हलफनामा ही मांगेगा।
राहुल गांधी का तंज
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर हिंदी में लिखी पोस्ट साझा करते हुए कहा—
“गुजरात में कुछ गुमनाम पार्टियां हैं, जिनके नाम किसी ने नहीं सुने, लेकिन उन्हें 4,300 करोड़ रुपये का चंदा मिला है। इन पार्टियों ने बहुत कम मौकों पर चुनाव लड़ा और न्यूनतम खर्च दिखाया। आखिर ये हजारों करोड़ रुपये आए कहां से? इन्हें कौन चला रहा है? यह पैसा गया कहां? क्या चुनाव आयोग इसकी जांच करेगा या यहां भी हलफनामा ही मांगेगा? या फिर कानून बदलकर यह डेटा भी छिपा दिया जाएगा?”
मीडिया रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे
राहुल गांधी द्वारा साझा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन अज्ञात राजनीतिक दलों ने:
• 2019 और 2024 के लोकसभा चुनाव तथा 2022 के विधानसभा चुनाव मिलाकर कुल 43 उम्मीदवार उतारे।
• इन उम्मीदवारों को सिर्फ 54,069 वोट मिले।
• चुनावी रिपोर्ट में इन पार्टियों का खर्च 39.02 लाख रुपये दर्ज है।
• लेकिन उनकी ऑडिट रिपोर्ट में 3,500 करोड़ रुपये के खर्च का विवरण दर्ज है।
यह आंकड़ा चुनावी राजनीति में बड़े वित्तीय विरोधाभास को उजागर करता है।
हालिया विवाद की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि 17 अगस्त को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने राहुल गांधी पर तीखा बयान दिया था। मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोप पर आयोग ने राहुल से कहा था कि या तो वह अपने आरोपों को साबित करने के लिए शपथपत्र (हलफनामा) पेश करें या फिर देश से माफी मांगें।
इसके तुरंत बाद राहुल गांधी ने अब इन गुजरात की गुमनाम पार्टियों के चंदे का मुद्दा उठाते हुए चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए हैं।
यह विवाद ऐसे समय पर गरमा रहा है जब राजनीतिक चंदे को लेकर पहले से ही इलेक्टोरल बॉन्ड योजना के खुलासों ने देशभर में बहस छेड़ रखी है।