कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि मैं जनसभाओं में जो संविधान दिखाता हूं, वो खाली है। नरेंद्र मोदी जी के लिए संविधान खाली है, क्योंकि उन्होंने कभी इसे पढ़ा नहीं है।
महाराष्ट्र के नंदूरबार में जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि संविधान में देश की आत्मा है और हिंदुस्तान का ज्ञान है। इसमें भगवान बुद्ध, बिरसा मुंडा, डॉ. बीआर आंबेडकर, महात्मा गांधी, और फुले की सोच है। राहुल गांधी बोले कि भाजपा को मेरे रैलियों में इस लाल किताब को दिखाने पर आपत्ति है। मगर हमें इसके लाल रंग से कोई फर्क नहीं पड़ता। जो इसके अंदर लिखा है, हम उसकी रक्षा के लिए जान देने को तैयार हैं। राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस आदिवासी, दलित और पिछड़ा वर्ग को निर्णय लेने में प्रतिनिधित्व दिलाना चाहती है। वर्तमान में आठ प्रतिशत आदिवासी आबादी में से निर्णय लेने में उनकी हिस्सेदारी केवल एक प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि भू-अधिग्रहण बिल और PESA कानून लाकर कांग्रेस ने आपके जल-जंगल-जमीन की रक्षा की थी। लेकिन भाजपा ने सत्ता में आते ही आपको वनवासी कहा और आपके अधिकार छीनने शुरू कर दिए।
उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस के लोग आपको वनवासी कहते हैं। आदिवासी और वनवासी में बहुत बड़ा फर्क है। आदिवासी का मतलब है हिंदुस्तान के पहले मालिक। जल, जंगल और जमीन उनका पहला अधिकार है। मगर भाजपा आपको वनवासी मानती है और कहती है कि आपका जल, जंगल, जमीन पर कोई अधिकार नहीं है। आपके इसी अधिकार को बचाने के लिए बिरसा मुंडा जी अंग्रेजों से लड़े थे। राहुल गांधी ने कहा कि जाति जनगणना से यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि महाराष्ट्र में आदिवासियों, दलितों और पिछड़े वर्गों की संख्या कितनी है और संसाधनों में उनकी हिस्सेदारी कितनी है?
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि बड़ी परियोजनाओं को महाराष्ट्र से दूसरे राज्यों में भेजकर करीब पांच लाख नौकरियां छीन ली गईं। हमारी सरकार ऐसा नहीं करेगी। महाराष्ट्र के लिए बनी परियोजनाएं महाराष्ट्र और गुजरात के लिए बनी परियोजनाएं गुजरात में रहेंगी। इस दौरान उन्होंने महाविकास अघाड़ी के घोषणापत्र में किए गए वादे भी गिनाए।