ट्राजोस्कोवस्की की हार को पीएम टस्क की हार माना गया था और इसे टस्क की लोकप्रियता में कमी के तौर पर देखा गया था। नवरोकी की जीत से टस्क की यूरोपीय समर्थक नीतियों को झटका लग सकता है क्योंकि राष्ट्रपति के पास वीटो और विदेश नीति में दखल देने की शक्ति होती है। राष्ट्रपति चुनाव में हार से डोनाल्ड टस्क की ताकत कम हुई है। पोलैंड में साल 2027 में संसदीय चुनाव होने हैं। ऐसे में बदले ही राजनीतिक परिदृश्य में टस्क का आगे भी ताकतवर बने रहेंगे या नहीं, ये बड़ा सवाल है। कई राजनीतिक जानकार इसे डोनाल्ड टस्क के राजनीतिक करियर का अंत भी मान रहे हैं। संख्याबल को देखते हुए माना जा रहा है कि टस्क आसानी से बहुमत साबित कर देंगे। पोलैंड की 460 सदस्यों वाली संसद में टस्क के सत्ताधारी गठबंधन के पास 242 सीटें हैं। बहुतम परीक्षण से पहले टस्क ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ‘विश्वास मत एक नई शुरुआत है’। टस्क ने बहुमत परीक्षण को अपनी आक्रामक चाल बताई। अगर टस्क किसी वजह से बहुमत साबित नहीं कर पाते हैं तो सत्ताधारी गठबंधन में टूट होना तय है और उस स्थिति में कार्यकारी सरकार का गठन हो सकता है और समय से पहले चुनाव होने की संभावना है।