Friday, October 24, 2025

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राजधानी जैसी प्रीमियम ट्रेनों में बढ़ेगी सुरक्षा, हाईटेक कैमरों से होगी निगरानी — खतरे पर तुरंत मिलेगा अलर्ट

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे अब यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था को और अत्याधुनिक बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रहा है। राजधानी, शताब्दी और वंदे भारत जैसी प्रीमियम ट्रेनों में अब लगेंगे हाईटेक एआई-आधारित निगरानी कैमरे, जो ट्रेन के भीतर हर गतिविधि पर पैनी नजर रखेंगे। इन कैमरों के जरिए किसी भी संदिग्ध हरकत या खतरे की स्थिति में तुरंत कंट्रोल रूम को अलर्ट संदेश भेजा जाएगा।

एआई और फेस रिकग्निशन तकनीक से लैस

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, नए सुरक्षा सिस्टम में लगे कैमरे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और फेस रिकग्निशन तकनीक से लैस होंगे। ये न सिर्फ यात्रियों की गतिविधियों पर नजर रखेंगे, बल्कि संदिग्ध वस्तु, झगड़े या असामान्य व्यवहार को भी पहचान सकेंगे।
अगर कोई व्यक्ति ट्रेन में खतरनाक सामान लेकर चढ़ने की कोशिश करता है या किसी को परेशान करता है, तो सिस्टम अपने आप रेलवे सुरक्षा नियंत्रण कक्ष को रियल-टाइम अलर्ट भेज देगा।

इन प्रीमियम ट्रेनों में इंटीग्रेटेड वीडियो सर्विलांस सिस्टम (VSS) स्थापित किया जा रहा है। यह नेटवर्क ट्रेन के हर कोच को एक सेंट्रल कंट्रोल सिस्टम से जोड़ता है। इस सिस्टम में नाइट विजन कैमरे, ऑटो ट्रैकिंग सेंसर और ऑडियो रिकॉर्डिंग फीचर भी शामिल हैं, जिससे किसी भी घटना की त्वरित जांच संभव होगी।

रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, “यात्रियों की सुरक्षा हमारी शीर्ष प्राथमिकता है। इन हाईटेक कैमरों से न केवल ट्रेन के भीतर की निगरानी आसान होगी, बल्कि किसी भी आपात स्थिति में ट्रेन स्टाफ और आरपीएफ तुरंत कार्रवाई कर सकेंगे।”

ट्रेनों के साथ-साथ प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर भी इन कैमरों का कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। ट्रेन में लगने वाले कैमरों की लाइव फीड सीधे स्टेशन और जोनल कंट्रोल रूम में उपलब्ध रहेगी। किसी भी आपात स्थिति या संदिग्ध गतिविधि का अलर्ट मिलने पर रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और ऑनबोर्ड स्टाफ तुरंत सक्रिय होंगे।

रेलवे ने स्पष्ट किया है कि कैमरों की निगरानी प्रणाली यात्रियों की गोपनीयता का उल्लंघन नहीं करेगी। डेटा सुरक्षा के लिए एन्क्रिप्टेड सर्वर सिस्टम तैयार किया गया है और रिकॉर्डिंग केवल सुरक्षा कारणों से सीमित अवधि तक ही रखी जाएगी।

पहले चरण में यह सिस्टम राजधानी, वंदे भारत, शताब्दी, तेजस और दुर्ग–नई दिल्ली एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में लगाया जाएगा। इसके बाद धीरे-धीरे अन्य लंबी दूरी की ट्रेनों में भी विस्तार किया जाएगा।

रेलवे सूत्रों का कहना है कि यह पहल न सिर्फ सुरक्षा को नया आयाम देगी, बल्कि यात्रियों को स्मार्ट और सुरक्षित यात्रा” का अनुभव भी कराएगी।

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