देहरादून। उत्तराखंड में लागू समान नागरिक संहिता (यूसीसी) में अब संशोधन किए जाएंगे। सरकार ने मंगलवार को समान नागरिक संहिता उत्तराखंड संशोधन अधिनियम 2025 सदन में पेश कर दिया, जिसे बुधवार को पारित किया जाना तय है।
संशोधन के तहत विवाह पंजीकरण की समय सीमा छह माह से बढ़ाकर एक साल कर दी गई है। यदि यह अवधि समाप्त हो जाती है तो दंड या जुर्माना देना होगा। इसके साथ ही सब-रजिस्ट्रार के समक्ष अपील, शुल्क और अन्य प्रक्रियाओं का भी निर्धारण किया गया है।
सरकार ने धोखे से या शादीशुदा होते हुए लिव-इन रिलेशन में रहने वालों के लिए भी सजा को सख्त किया है। इससे जुड़े प्रावधानों को और स्पष्ट किया गया है।
यूसीसी समिति की संस्तुतियों के आधार पर अधिनियम में व्यावहारिक दिक्कतें दूर करने के लिए कई सुधार किए गए हैं। इसमें दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) का उल्लेख किया गया है। वहीं, कई स्थानों पर ‘शुल्क’ शब्द को संशोधित कर ‘पैनल्टी’ लिखा जाएगा।