Monday, February 3, 2025

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यूरोप से अफ्रीका तक ट्रंप के निशाने पर कई देश; किस-किस को धमकाया

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में आने के बाद से ही अपनी ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ योजना को आगे बढ़ाने में जुटे हैं। इसके तहत वे व्यापार में अमेरिका के प्रतिद्वंद्वी देशों के साथ-साथ मित्र देशों को भी टैरिफ युद्ध में शामिल कर रहे हैं। आलम यह है कि ट्रंप अब तक आधा दर्जन देशों के खिलाफ आयात शुल्क लगाने का एलान कर चुके हैं। इसके अलावा वे कई और देशों को आने वाले समय में कार्रवाई की धमकी भी दे चुके हैं। अमेरिका के हितों का हवाला देते हुए अलग-अलग देशों से व्यापार युद्ध शुरू करने के ट्रंप के इरादे कितने बुलंद हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में ट्रंप ने अमेरिकी जनता से कहा है कि उन्हें इसका कुछ दर्द उठाना पड़ सकता है। हालांकि, लंबे समय के लिए यह अमेरिका के फायदे के लिए ही होगा। ट्रंप ने यहां तक कह दिया कि अमेरिका के खिलाफ व्यापार में बढ़त न होने के बाद कनाडा का अस्तित्व ही मुश्किल हो जाएगा। से में यह जानना अहम है कि डोनाल्ड ट्रंप ने अब तक किन-किन देशों के खिलाफ आयात शुल्क लगाने का एलान कर दिया है? किन देशों ने ट्रंप के कदमों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की बात कही है? इसके अलावा और कौन-कौन से देश अभी अमेरिकी सरकार की तरफ से कार्रवाइयों की जद में आ सकते हैं? डोनाल्ड ट्रंप ने अब तक करीब आधा दर्जन देशों पर टैरिफ लगाने की धमकी दी है। वहीं, तीन देशों पर 4 फरवरी से आयात शुल्क लगाने का एलान भी कर चुके हैं। इन देशों में चीन, कनाडा और मैक्सिको शामिल हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि चीन, मैक्सिको और कनाडा अब तक अमेरिका के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार हैं। अमेरिका ने 2024 में दुनियाभर से करीब 3 ट्रिलियन डॉलर के उत्पाद आयात किए थे। इनमें से 42 फीसदी आयात उसने इन्हीं तीन देशों से किए।ट्रंप ने इन तीन देशों पर आयात शुल्क लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय आपातकाल आर्थिक शक्ति कानून (IEEPA) का इस्तेमाल करते हुए कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके मुताबिक, 4 फरवरी से कनाडा, मैक्सिको और चीन पर यह आयात शुल्क लागू हो जाएंगे।

कार्यकारी आदेश के मुताबिक, यह कदम अवैध विदेशियों और घातक ड्रग्स, जैसे फेंटेनाइल के कारण अमेरिकी नागरिकों को होने वाले खतरे से बचने के लिए उठाया गया है। ट्रंप ने कहा कि उनकी प्राथमिकता अमेरिकियों की सुरक्षा है, और उन्होंने अपने अभियान में यह वादा किया था कि वह सीमा पर अवैध प्रवास और ड्रग्स की बाढ़ को रोकेंगे।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल में टैरिफ लगाने की यह सख्त घोषणा की थी। रिपब्लिकन नेता अवैध आव्रजन और ‘फेंटेनाइल’ (एक तरह का तेज नशीला पदार्थ) के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रसायनों की तस्करी को रोकने के लिए देशों से अधिक सहयोग सुनिश्चित करने के मद्देनजर टैरिफ लगाने का दावा कर रहे हैं।

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि इसका मकसद घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा, अब ये शुल्क लागू होने जा रहे हैं। ये वादे राष्ट्रपति द्वारा किए गए थे और अब इन्हें पूरा किया जा रहा है। ट्रंप ने कहा था कि वह कनाडा और मैक्सिको से तेल आयात के लिए छूट जारी रखने पर विचार कर रहे हैं, लेकिन लेविट ने कहा कि उनके पास राष्ट्रपति के किसी भी संभावित कटौती के फैसले के बारे में साझा करने के लिए कोई जानकारी नहीं है। चीन की इस पूरे परिदृश्य पर बारीक निगाह है। उसने फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं दी है।

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