यूरोप। यूरोप के प्रमुख हवाई अड्डों पर एक बड़ा साइबर हमला होने से चेक-इन सिस्टम ठप हो गया है, जिससे यात्रियों को उड़ानों में देरी और अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। तकनीकी विफलता के कारण एयरलाइन सेवाओं में व्यापक प्रभाव पड़ा है और हवाई अड्डों पर लंबे समय तक कतारें लगी हैं।
साइबर हमला और तकनीकी विफलता
साइबर हमले की वजह से कई एयरलाइन कंपनियों के चेक-इन और बैगेज हैंडलिंग सिस्टम प्रभावित हुए हैं। सुरक्षा और परिचालन विभाग ने यात्रियों से कहा है कि वे उड़ानों की स्थिति की जानकारी एयरलाइन वेबसाइट या मोबाइल एप के माध्यम से ही लें। हवाई अड्डों पर मौजूद अधिकारी लगातार तकनीकी टीमों के साथ मिलकर सिस्टम को सामान्य करने में जुटे हैं।
उड़ानों में देरी और यात्री असुविधा
कई यात्रियों ने बताया कि वे सुबह से घंटों तक कतार में खड़े रहे, लेकिन चेक-इन प्रक्रिया बाधित होने के कारण उनकी उड़ानें देरी से चली। कुछ उड़ानों को रद्द भी करना पड़ा। यात्रियों ने एयरलाइन और हवाई अड्डा प्रशासन से शीघ्र समाधान की अपील की है।
सुरक्षा और जांच
एयरलाइन कंपनियों और हवाई अड्डा प्रबंधन ने साइबर हमले की गहन जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह हमला जटिल और संगठित था। यूरोपियन एयरलाइंस एसोसिएशन ने भी कहा है कि वे तकनीकी विशेषज्ञों के साथ मिलकर इस घटना के प्रभाव को कम करने और सुरक्षा उपायों को सख्त करने पर काम कर रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रभाव
इस साइबर हमले से न केवल स्थानीय यात्री प्रभावित हुए हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के कार्यक्रम पर भी असर पड़ा है। यूरोप के अन्य हवाई अड्डों ने भी अपने सुरक्षा और IT सिस्टम को समीक्षा के लिए तुरंत सक्रिय किया। विशेषज्ञों का कहना है कि आधुनिक हवाई अड्डों पर साइबर सुरक्षा को और मजबूत करना अब प्राथमिकता बन गई है।





