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लखनऊ, 27 जुलाई – उत्तर प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव...

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कुमाऊं : कैसे हुआ नामकरण

इस प्रान्त का नाम कुर्मांचल या कुमाऊं होने के...

रामगंगा नदी घाटी में दबा है ऐतिहासिक शहर! फिर दुनिया के सामने लाने को ASI ने कसी कमर

अल्मोड़ा. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने उत्तराखंड के अल्मोड़ा...

नंदा देवी जात यात्रा – देवभूमि की अमृत धारा

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व्यक्तितव

वीर सिपाही शहीद केसरी चंद

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The World of Raghu Rai: His Photography & Life

It was a picture of a donkey that started...

ताना-बाना

उत्तराखंड में हुए एक सीक्रेट मिशन का खतरा आज भी बरकरार

बात 1965 की है,  जब वियतनाम युद्ध तेज हो रहा...

पनीर ने रोका पलायन : रौतू कीबेली गाँव

उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बसे गाँवों में रोज़गार...

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Saturday, July 26, 2025

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यूरोपीय सांसद रीमा हसन के इस्राइल में प्रवेश करने पर रोक

इस्राइल ने सोमवार को यूरोपीय संसद सदस्य रीमा हसन को देश में प्रवेश से रोक दिया। हसन पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया और मीडिया साक्षात्कारों में इस्राइल के खिलाफ बहिष्कार को बढ़ावा दिया है। 32 वर्षीय हसन, जो सीरिया के अलेप्पो में पैदा हुईं और यूरोपीय संसद में वामपंथी समूह की सदस्य हैं, यूरोपीय संघ-फलस्तीन प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में इस्राइल आई थीं। हालांकि इस्राइल के इस फैसले के बाद हसन के कार्यालय ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। कार्यालय ने कहा कि उन्हें इस्राइल में प्रवेश से वंचित करने का निर्णय बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं थी। बता दें कि इससे पहले इस्राइल ने एक नया कानून पारित किया था, जिसके तहत उन लोगों का इस्राइल में प्रवेश प्रतिबंधित किया जाएगा, जिन्होंने हमास के हमले का खंडन किया है या इस्राइली सैनिकों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अभियोजन का समर्थन किया है। यह कानून उन लोगों पर भी लागू होता है जो इजरायल के खिलाफ बहिष्कार के आह्वान करते हैं। रीमा हसन और उनके साथ आए अन्य यूरोपीय सांसदों ने हाल ही में गाजा में इस्राइल के कार्यों की आलोचना की थी। साथ ही यूरोपीय संघ-इजराइल एसोसिएशन समझौते को तत्काल निलंबित करने का आह्वान किया था। यह समझौता इजराइल और यूरोपीय संघ के बीच राजनीतिक और आर्थिक रिश्तों को रेखांकित करता है। हसन ने यूरोपीय संघ मुख्यालय के बाहर एक रैली का भी आह्वान किया था, जिसमें कई प्रदर्शनकारी एकत्र हुए थे।

गौरतलब है कि इससे पहले, इस्राइल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने यूरोपीय संघ से बातचीत करते हुए कहा था कि इजराइल आलोचना का सामना करने के लिए तैयार है, लेकिन यह तब तक ठीक है जब तक यह आलोचना अवैधता, शैतानीकरण या दोहरे मानदंडों से जुड़ी नहीं हो, जो इजराइल के खिलाफ समय-समय पर देखी जाती है।ॉयह घटना इजराइल और यूरोपीय संघ के बीच जारी तनाव को और बढ़ा सकती है, क्योंकि इजराइल के कुछ कार्यों को लेकर यूरोपीय देशों में आलोचनाएं हो रही हैं।

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