यूके ने रूस के जासूसी पोत „यांतर’ (Yantar) को स्कॉटलैंड के उत्तरी जलक्षेत्र में दिखाई देने के बाद मॉस्को को कड़ी चेतावनी दी है। रक्षा सचिव जॉन हीली ने कहा है कि यह जहाज़ सिर्फ निगरानी ही नहीं कर रहा, बल्कि ब्रिटिश पायलटों पर लेज़र भी दागता रहा है, और ब्रिटेन “नई दुनिया की चुनौतियों” के मद्देनज़र अपनी रक्षा रणनीति में बदलाव ला रहा है।
क्या हुआ और क्यों बढ़ी चिंता
- यांतर ने RAF विमानों पर लेज़र दागे हैं — हीली ने बताया कि यह जासूसी पोत ब्रिटेन के निगरानी अभियानों को बाधित करने का “खतरे भरा” कदम उठा रहा है।
- ब्रिटिश रक्षा विभाग ने अपनी सतर्कता बढ़ा दी है: रॉयल नेवी की एक फ्रिगेट और RAF के P-8 पोसाइडन विमानों को यांतर की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए तैनात किया गया
- हीली ने कहा है कि नियम (rules of engagement) में बदलाव किया गया है ताकि ऐसे जासूसी जहाज़ों को करीब से ट्रैक किया जा सके, जब वे ब्रिटेन के आर्थिक जलक्षेत्र (EEZ) के पास हों।
- ब्रिटेन को डर है कि यांतर पाइपलाइनों और अंडरसी केबलों का नक्शा बना रहा हो सकता है — ये तमाम इन्फ्रास्ट्रक्चर देश की सुरक्षा के लिए नाज़ुक बिंदु हैं।
- हीली ने कहा कि यह पोत रूस की नौसेना का हिस्सा है, जिसे “शांति के समय जासूसी और युद्ध की स्थिति में तोड़-फोड़ (sabotage) क्षमता” के लिए डिज़ाइन किया गया है। T
हार्ड-पावर रणनीति और सैनिक तैयारी
- इस घटना के मद्देनज़र, ब्रिटेन दुर्लभ युद्ध सामग्री (munitions) उत्पादन बढ़ाने का गंभीर कदम उठा रहा है। हीली ने एलान किया है कि देश में 13 नई गोला-बारूद निर्माण इकाइयाँ स्थापित की जाएँगी।
- सरकार का कहना है कि ये कदम “हार्ड-पावर का युग” (new era of hard power) का हिस्सा हैं, जहाँ ब्रिटेन को अपने सैन्य हस्तक्षेत्र और तैयारियों को सशक्त करना होगा।
- यह रणनीति न सिर्फ रूस की गतिविधियों को देखते हुए है, बल्कि बढ़ते वैश्विक तनावों — जैसे कि अन्य देशों में सैन्य खतरों और अंतरराष्ट्रीय झूठी-जानकारी अभियानों — की प्रतिक्रिया भी है।
- इसके अलावा, इस निवेश से ब्रिटेन में रोज़गार के अवसर भी बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि म्यूनिशन फैक्ट्रियों का निर्माण देशभर में किया जाएगा।
- ब्रिटेन ने यह लक्ष्य भी रखा है कि वह 2035 तक अपनी रक्षा खर्च को GDP का 5% तक बढ़ाए, ताकि भविष्य में सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला किया जा सके।
ब्रिटेन की नीतिगत तत्ति और संदेश
- हीली ने पुतिन और मॉस्को को साफ संदेश दिया है: “हम देख रहे हैं आप क्या कर रहे हैं … यदि यांतर दक्षिण की ओर बढ़ता है तो हम पूरी तरह तैयार हैं।”
- उन्होंने यह भी कहा कि यह न सिर्फ ब्रिटेन के लिए, बल्कि नाटो और उसके सहयोगी देशों के लिए भी “संघर्ष का समय” हो सकता है, और इसलिए बेहतर तैयार रहना जरूरी है।
- इस कदम को पश्चिम-यूरोपीय देशों में ब्रिटेन की वापसी की रणनीति के रूप में भी देखा जा रहा है — एक ऐसा ब्रिटेन जो आर्थिक और सैन्य दोनों मोर्चों पर मजबूत भूमिका निभाना चाहता है।




