अमेरिका की विकास सहायता एजेंसी यूएसएआईडी के 8.2 अरब डॉलर की मानवीय सहायता का कोई उचित लेखा-जोखा नहीं रह गया है। इसका कारण ट्रंप प्रशासन की तरफ से की गई विदेशी फंडिंग रोक और कर्मचारियों की छंटनी बताई जा रही है। इसे लेकर एक सरकारी निगरानी संस्था ने सोमवार को चेतावनी भी दी है। यूएसएआईडी के निरीक्षक जनरल कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, एजेंसी की निगरानी क्षमता लगभग खत्म हो चुकी है। इससे यह सुनिश्चित करना मुश्किल हो गया है कि सहायता राशि आतंकी संगठनों के हाथ न लगे या संकटग्रस्त क्षेत्रों में गलत तरीके से इस्तेमाल न हो। इधर, अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने यूएसएआईडी को उसके मुख्यालय से हटा दिया है। दशकों से इस इमारत में काम कर रही एजेंसी को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। सोमवार को जब कुछ कर्मचारी अपने ऑफिस पहुंचे, तो उन्हें प्रवेश करने से रोक दिया गया। इमारत के अंदर के यूएसएआईडी के बोर्ड और संकेतों को ढक दिया गया था। एक अधिकारी ने कर्मचारियों से सख्त लहजे में कहा – यहां से चले जाओ, तुम लोग अब क्यों आए हो? वहीं सरकारी संपत्तियों का प्रबंधन करने वाली जनरल सर्विसेज एडमिनिस्ट्रेशन (जीएसए) ने पुष्टि की कि यूएसएआईडी को लीज (किराए) से हटा दिया गया है और इमारत अब अन्य सरकारी उपयोग के लिए दी जाएगी। यूएसएआईडी की विदेशी सहायता पर रोक से दुनियाभर में कई राहत और विकास कार्यक्रम बंद हो गए हैं। कई कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है। ट्रंप प्रशासन ने एक आदेश जारी कर सभी विदेशी सहायता रोक दी। हालांकि, विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कुछ आपातकालीन खाद्य सहायता और जीवन-रक्षक कार्यक्रमों को छूट देने की कोशिश की, लेकिन अब तक न तो धनराशि जारी हुई है और न ही कर्मचारियों की बहाली हुई है।
मानवीय सहायता संगठन नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल ने इसे अपनी 79 साल की सबसे विनाशकारी स्थिति बताया है। संगठन ने कहा कि उसे 20 देशों में लाखों लोगों को दी जा रही सहायता बंद करनी पड़ेगी। वहीं सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों की बात करें, तो इसमें बुर्किना फासो शामिल है, जहां 3 लाख लोग पानी की किल्लत झेल रहे हैं। जबकि दूसरे नंबर पर सूडान काबिज है, जहां 500 से ज्यादा बेकरी सस्ती रोटियां देकर लोगों को भोजन उपलब्ध करा रही थीं।
इधर एक संघीय न्यायाधीश ने बीते शुक्रवार को ट्रंप प्रशासन के आदेश पर अस्थायी रोक लगाई, जिसमें हजारों यूएसएआईडी कर्मचारियों को तत्काल नौकरी से हटाने और विदेशों में कार्यरत कर्मियों को 30 दिनों में अमेरिका लौटने का निर्देश दिया गया था। न्यायालय के आदेश के बाद कुछ कर्मचारियों के ईमेल एक्सेस बहाल किए गए हैं, लेकिन मुख्यालय दोबारा खोलने का कोई निर्देश नहीं दिया गया। वहीं डोनाल्ड ट्रंप ने एक इंटरव्यू में कहा कि कुछ गिने-चुने कार्यक्रम जारी रह सकते हैं, लेकिन कई संगठनों का मानना है कि मदद दोबारा शुरू करने के लिए अब विशाल निवेश की जरूरत होगी। फिलहाल, यूएसएआईडी के कर्मचारी संशय में हैं कि आगे क्या होगा, क्योंकि प्रशासन से स्पष्ट संदेश नहीं मिले हैं।