Thursday, November 13, 2025

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युद्धाभ्यास ‘त्रिशूल’: पाकिस्तानी सीमा पर तीनों सेनाओं का साझा अभ्यास, अब भैरव-अश्नि बटालियन का दिखाएंगे शौर्य

भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट चल रहे संयुक्त युद्धाभ्यास ‘त्रिशूल’ में अब भारतीय सेना की भैरव और अश्नि बटालियन अपनी सामरिक क्षमता और युद्धक तैयारी का प्रदर्शन करेंगी। इस बहु-आयामी अभ्यास में थलसेना, वायुसेना और नौसेना की संयुक्त भागीदारी ने देश की त्रि-सेनाओं की सामरिक एकजुटता और तत्परता को दर्शाया है।
पश्चिमी सीमा पर चल रहे इस अभ्यास का उद्देश्य सीमावर्ती इलाकों में युद्ध की स्थिति में त्वरित कार्रवाई, समन्वय और संसाधनों के कुशल उपयोग का अभ्यास करना है। अधिकारियों के अनुसार, अभ्यास के तीसरे चरण में भैरव और अश्नि बटालियन अग्रिम मोर्चे पर अपनी रणनीतिक दक्षता और सामरिक आक्रमण क्षमता का प्रदर्शन करेंगी।

इस दौरान आधुनिक हथियार प्रणालियों, ड्रोन, रडार और रीयल-टाइम डेटा शेयरिंग तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है, जिससे सेनाओं के बीच त्वरित संवाद और निर्णय लेने की क्षमता को परखा जा सके। थलसेना की आर्टिलरी यूनिट्स, वायुसेना के फाइटर जेट्स और नौसेना के सर्विलांस सिस्टम मिलकर जमीनी और हवाई हमलों की समन्वित रणनीति पर काम कर रहे हैं।
रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि ‘त्रिशूल’ युद्धाभ्यास भारत की संयुक्त रक्षा सिद्धांत की वास्तविक परीक्षा है। इसमें आपातकालीन हालात में तीनों सेनाओं के बीच तालमेल को और मजबूत किया जा रहा है।
भैरव और अश्नि बटालियन के प्रदर्शन से पहले भी सेना की अन्य इकाइयों ने अपनी युद्धक तैयारियों और बचाव रणनीतियों का सफल प्रदर्शन किया था। अधिकारियों का कहना है कि यह अभ्यास न केवल सीमाई सुरक्षा को सुदृढ़ करेगा बल्कि भविष्य के संभावित खतरों से निपटने की भारत की क्षमता को भी नई ऊंचाई देगा।
रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के संयुक्त अभ्यास भारत की रणनीतिक सोच और आत्मनिर्भर रक्षा क्षमता को वैश्विक मंच पर और अधिक सशक्त बनाते हैं।

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