यमुनोत्री धाम की ओर जाने वाला प्रमुख राजमार्ग एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी वाहनों के लिए नहीं खुल पाया है। हाईवे की स्थिति अभी भी खराब बनी हुई है, जिसके चलते यमुनोत्री धाम और उसके रास्ते में पड़ने वाले मुख्य पड़ावों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। स्थानीय निवासियों को भी रोजमर्रा के कामों के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सिलाई बैंड और ओजरी के बीच मरम्मत तेज
राजमार्ग को सुचारू करने के लिए सिलाई बैंड और ओजरी के बीच मरम्मत कार्य जारी है। बीते मंगलवार को जब इन दोनों स्थानों के बीच पैदल मार्ग आंशिक रूप से खोला गया, तो यात्रियों की आवाजाही शुरू कर दी गई थी। हालांकि खराब मौसम के कारण यात्रा अगले दो दिनों तक फिर से बाधित रही। 850 से अधिक यात्री फंसे थे
बीते शनिवार को सिलाई बैंड और ओजरी क्षेत्र में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं के चलते हाईवे पूरी तरह अवरुद्ध हो गया था। इस आपदा के चलते जानकीचट्टी से लेकर पालीगाड़ तक करीब 850 से अधिक तीर्थयात्री फंस गए थे। मंगलवार को जब पैदल मार्ग से आवाजाही मुमकिन हुई, तो प्रशासन ने यात्रियों को सुरक्षित निकालकर बड़कोट भेजने का कार्य शुरू किया।
तीन चरणों में यात्रियों का रेस्क्यू
पहले दिन करीब 500 से 700 यात्रियों को पैदल चलवाकर वाहनों के माध्यम से बड़कोट भेजा गया। बुधवार को 250 और गुरुवार सुबह तक 35 यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया। ये वे यात्री थे जो अपने निजी वाहनों से यात्रा पर आए थे।
प्रशासन ने किया राहत और बचाव कार्य
आपदा प्रबंधन विभाग की क्यूआरटी टीम ने राहत-बचाव कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शार्दुल गुसाईं ने बताया कि यमुनोत्री रूट पर फंसे सभी यात्रियों को सुरक्षित बड़कोट भेज दिया गया है। जो यात्री अभी भी निजी वाहनों के कारण रुके हैं, उनके लिए प्रशासन की ओर से आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
फिलहाल, यमुनोत्री धाम की यात्रा एक बार फिर ठप पड़ी है और मार्ग को पूरी तरह बहाल करने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास जारी हैं।