उत्तरकाशी।
यमुनोत्री हाईवे पर यात्रा के लिए हालात लगातार चुनौतीपूर्ण होते जा रहे हैं। ताजा सर्वेक्षण और निरीक्षण में हाईवे पर छह नए स्थानों पर भूस्खलन और भू-धंसाव जोन की पहचान की गई है, जिससे यात्रियों की सुरक्षा को लेकर खतरा और बढ़ गया है। विशेषज्ञों और स्थानीय प्रशासन का मानना है कि यदि समय रहते पुख्ता कदम नहीं उठाए गए तो चारधाम यात्रा संचालन पर भी संशय के बादल मंडरा सकते हैं।
जानकारी के अनुसार, हाल ही में हुई भारी बारिश और लगातार हो रहे भूस्खलन ने हाईवे की स्थिति को और कमजोर कर दिया है। कई स्थानों पर सड़क की सतह धंसने लगी है, जबकि कई जगहों पर पहाड़ी से मलबा और बोल्डर गिरने का खतरा लगातार बना हुआ है।
यात्रा मार्ग पर तैनात प्रशासनिक टीमों ने स्थिति की रिपोर्ट शासन को भेज दी है। इसके साथ ही संवेदनशील स्थानों पर यातायात को नियंत्रित करने और यात्रियों को सचेत करने के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। फिलहाल कई हिस्सों में मरम्मत और स्थिरीकरण का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।
स्थानीय लोगों और यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं में भी दहशत का माहौल है। कई यात्री सुरक्षा की अनिश्चितता को देखते हुए यात्रा टालने का मन बना रहे हैं। वहीं प्रशासन का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और सभी विभाग आपसी समन्वय से स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यमुनोत्री हाईवे का भूगर्भीय ढांचा बेहद संवेदनशील है और यहां लंबे समय तक यात्रा संचालन सुचारू बनाए रखने के लिए स्थायी समाधान की आवश्यकता है।