उत्तरकाशी जिले में लगातार बारिश और भूस्खलन से चारधाम यात्रा मार्गों पर मुसीबतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। यमुनोत्री हाईवे लगातार चौथे दिन भी अवरुद्ध है। जगह-जगह सड़क धंसने और पहाड़ी से चट्टानी मलबा व बोल्डर गिरने से यातायात पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है।
यमुनोत्री हाईवे की स्थिति को लेकर लोक निर्माण विभाग के ईई मनोज रावत ने बताया कि लगातार कटाव और भारी-भरकम बोल्डर सड़क पर गिर रहे हैं। इससे मार्ग खोलने के प्रयास बार-बार बाधित हो रहे हैं। मशीनरी तैनात है, लेकिन खतरनाक चट्टानों के कारण कार्य धीमी गति से हो रहा है।
उधर, स्याना चट्टी क्षेत्र में यमुना नदी पर बन रही झील का संकट भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। यमुना नदी हालांकि एक छोर से बह रही है, लेकिन कुपड़ा खड्ड और अन्य गदेरों से लगातार आ रहे मलबा व बोल्डरों के कारण नदी का तल ऊँचा हो गया है। इससे झील बनने का खतरा बना हुआ है। स्थानीय लोग अब भी दहशत में हैं।
सिंचाई विभाग के ईई पन्नी लाल ने बताया कि कुपड़ा खड्ड के मुहाने पर बार-बार मलबा जमा हो रहा है। इससे नदी की निकासी प्रभावित होती है और समस्या बार-बार उत्पन्न हो रही है। विभाग ने मौके पर पोकलेन मशीनें लगाई हैं और लगातार चैनलाइजेशन का कार्य किया जा रहा है। लेकिन बीच-बीच में रुक-रुककर हो रही बारिश से मशीनरी को काम करने में काफी दिक्कतें आ रही हैं।
इधर, गंगोत्री हाईवे भी रविवार को नलूणा के पास हुए भूस्खलन से बंद हो गया। मार्ग पर भारी मात्रा में मलबा आने से यातायात बाधित है। मौके पर जेसीबी और अन्य मशीनें लगाई गई हैं, लेकिन लगातार स्लाइडिंग से मार्ग खोलने में समय लग रहा है।
यात्रा मार्गों के अवरुद्ध रहने से स्थानीय लोगों और यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन और विभागों की टीम लगातार राहत और मार्ग खोलने के प्रयास में जुटी हुई है।