Sunday, December 22, 2024

Top 5 This Week

Related Posts

मोदी सरकार में 8% गिरी युवाओं की बेरोजगारी दर: अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन

लोकसभा चुनाव में इस बार रोजगार एक प्रमुख मुद्दा बना हुआ है। खासकर अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की रिपोर्ट के बाद, जिसमें दावा किया गया है कि भारत के बेरोजगार कार्यबल में 83 प्रतिशत युवा हैं। लेकिन अलग-अलग स्रोतों से प्राप्त सरकारी आंकड़ों का विश्लेषण करने पर सामने आया है कि मोदी सरकार के पिछले कुछ वर्षों के दौरान नौकरियों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और बेरोजगारी की दर में गिरावट दर्ज की गई है। आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस), कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ), भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), नेशनल करियर सर्विसेज (एनसीएस) पोर्टल और केंद्र सरकार की विभिन्न रोजगार केंद्रित योजनाओं के आंकड़े नौकरियों में वृद्धि और बेरोजगारी दर में गिरावट दर्शाते हैं। पीएलएफएस का पिछले छह साल का आंकड़ा श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) और श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) में सुधार की प्रवृत्ति का संकेत देता है। इसके आंकड़ों से पता चलता है कि देश में रोजगार 2017-18 के 46.8 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 56 प्रतिशत हो गया है। इसी तरह, श्रम बल भागीदारी भी 2017-18 के 49.8 फीसदी से बढ़कर 2022-23 में 57.9 फीसदी हो गया है। वहीं, इन छह वर्षों की अवधि में बेरोजगारी दर में करीब तीन फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है और यह 2017-18 के 6 प्रतिशत से गिरकर 2022-23 में 3.2 फीसदी पर आ गई। आंकड़ों के मुताबिक, 2022-23 में श्रम बल भागीदारी दर 2.7 प्रतिशत के मुकाबले श्रमिक जनसंख्या अनुपात 3.1 प्रतिश की वृद्धि हुई जो मांग की तुलना में अधिक नौकरियों को दर्शाता है।

 

Popular Articles