प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘अनुच्छेद 370’ के खत्म होने के बाद, जम्मू और कश्मीर में कई बदलाव देखे गए हैं। गुरुवार को श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में आयोजित पीएम मोदी की रैली में लोगों ने ‘मोदी तेरे जान निसार, बेशुमार बेशुमार’ के नारे लगाए। कश्मीर में अब पत्थरबाजी नहीं होती, जो पहले एक आम समस्या थी। गत वर्ष दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 की वैधता को बरकरार रखने का फैसला दिया था।
जम्मू और कश्मीर में पहली बार सिनेमा हॉल खुलने के साथ ही नए थियेटर खुले हैं। इससे फिल्म उद्योग को स्थायित्व मिला है और नए रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं।
अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद, जम्मू और कश्मीर में अलगाववाद और आतंकवाद में कमी देखी गई है। वर्तमान आंकड़ों के अनुसार, 2010 में 489 घटनाएं होती थीं जो की 2023 में 48 तक गिर गई हैं। इससे दिखता है कि सुरक्षा स्थिति में सुधार हुआ है।
विस्थापितों को अब अपने ही देश के अन्य हिस्सों में शरणार्थी बनकर नहीं रहना पड़ता, और उन्हें अधिकार और प्रतिनिधित्व का मौका मिला है। प्रमुख विधेयकों के पारित होने से उन्हें अधिकार और न्याय दिलाने वाले हैं।
अनुच्छेद 370 के समापन के बाद, जम्मू और कश्मीर में कई सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिले हैं। नए सिनेमा हॉल्स के खुलने से फिल्म उद्योग को बढ़ावा मिला है और नौकरी के अवसरों में वृद्धि हुई है। साथ ही, आतंकवाद और अलगाववाद में कमी भी दर्शी गई है। यह सुरक्षा स्थिति के सुधार का सबूत है।
सरकार ने विस्थापित लोगों को उनके हक की रक्षा करने के लिए कदम उठाए हैं। अब वे अपने ही देश में शरण लेने की जगह पाकिस्तान या अन्य देशों के लिए भागने की आवश्यकता महसूस नहीं करते।
अनुच्छेद 370 के अधिकारों को समाप्त करने के बाद, नागरिकों को और उचित और समान अधिकार मिले हैं। उन्हें अब देश के अन्य हिस्सों के नागरिकों के साथ एक जैसा व्यवहार करने का मौका मिला है।