जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को हुए आतंकी हमले को आज पांच साल पूरे हो गए हैं। उस हमले में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल अहमद डार ने 350 किलो विस्फोटक से भरी SUV बस से भिड़ा दी थी। इस हमले में सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के 40 जवान शहीद हो गए थे। आज पुलवामा आतंकी हमले की 5वीं बरसी है। लेकिन आज भी इस हादसे की कहानी सुनकर भारतीय लोगों की रूह कांप जाती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पुलवामा हमले में शहीद होने वाले जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “मैं पुलवामा में शहीद हुए वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। हमारे राष्ट्र के लिए उनकी सेवा और बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा।”
आतंकवादियों की इस कायराना हरकत से हर भारतीय की आंखे नम हो गई थीं और इस हमले ने पूरे देश को अंदर से हिलाकर रख दिया था, लेकिन इसका बदला भारतीय सेना पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर लिया। इस हमले को पुलवामा अटैक (Pulwama Terror Attack) के नाम से भी जाना जाता है। सीआरपीएफ के काफिले में करीब 60 से ज्यादा वाहन शामिल थे और इनमें 2 हजार 547 जवान मौजूद थे। 14 फरवरी 2019 के दिन जब सीआरपीएफ का काफिला जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवंतीपोरा में गोरीपोरा के पास पहुंचा तो जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने पुलवामा जिले में विस्फोटक से भरी कार ने सीआरपीएफ जवानों की बस से भिड़ाकर निशाना बनाया था।
इस कारण जोरदार धमाके में 40 जवान शहीद हो गए थे। धमाका इतना तेज था कि बस के भी चिथड़े उड़ गए। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।